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‘अतिवादी प्रशंसा’ करने से इत्तेफाक नहीं रखते अमिताभ

मुंबई : अमिताभ बच्चन किसी भी युवा अभिनेता के बराबर उर्जा के साथ 24 घंटे निरंतर काम करते रहने के लिए वाहवाही बटोर सकते हैं, लेकिन सदी के महानायक लोगों द्वारा उनकी ‘अतिवादी प्रशंसा’ करने से इत्तेफाक नहीं रखते। 
फिल्म ‘षमिताभ’ के 72 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि वह बढ़ा चढ़ाकर की जाने वाली प्रशंसा के बजाय एक आम जीवन गुजारना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘हां, मैं देर तक काम करता हूं। कभी कभी मुझे काफी देर भी हो जाती है। मैं सुबह, दोपहर, शाम और रात तक काम करता हूं। मैंने एक दिन में काफी समय तक काम किया और अगले दिन भी काफी देर तक काम किया। हां, मैं काम करता हूं.. क्योंकि मैं काम में रमा रहता हूं। इसमें बुरा क्या है?’ 
अमिताभ ने अपने ब्लॉग पर लिखा, ‘इसलिए मेरे पीछे मत पड़िए और ऐसे भावों को रोक दीजिए कि ‘आपको ऊर्जा कहां से मिलती है या इस उम्र में भी काम करते रहने की इच्छाशक्ति कहां से मिलती है।’ प्रशंसकों के मामले में धनी बच्चन का कहना है कि वह अपनी उम्र के किसी भी अन्य व्यक्ति के समान ही हैं।
उन्होंने कहा, ‘मुझे उल्टे सलाह की जरूरत नहीं है.. मुझे अति प्रशंसा की भी जरूरत नहीं है और न ही मुझे विशेषताओं से अलंकृत करते रहने की जरूरत है.. मुझे सामान्य इच्छाशक्ति की जरूरत है। अन्य सभी की तरह मेरे मूल्य भी समान हैं। मैं हूं महज एक अन्य के तौर पर।’
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