मुंबई। शीना बोरा हत्याकांड की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को अस्पताल में दिए जाने वाला खाना पहले डॉक्टरों से चखाने को लेकर विवाद शुरू हो गया है। इस घटना को लेकर कई डॉक्टर सोशल मीडिया पर कड़ी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। एसोसिएशन ऑफ मेडिकल कंसल्टेंट्स मुंबई के वरिष्ठ सदस्य डॉ. ललित कपूर ने मामले को राज्य मानवाधिकार आयोग ले जाने की बात कही है। जेजे अस्पताल के डीन डॉ तात्याराव लहाणे ने कहा, ‘अस्पताल में बंद अति-विशिष्ट व्यक्तियों को दिए जाने वाले खाने को चखने की अस्पताल की प्रक्रिया है। इसमें हमारे रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर्स माहिर हैं।
इंद्राणी मुखर्जी की जान को खतरे की आशंका के चलते जेल अधिकारियों के निर्देश पर उन्हें दिया जाने वाला खाना चखाया गया था। अस्पताल प्रशासन ने किसी के साथ जबरदस्ती नहीं की थी।’
अब इस केस में एक और नया खुलासा हुआ है। रामायण में भगवान राम को शबरी ने बेर चखकर खिलाए थे, उसी तर्ज पर जेल में इंद्राणी को खाना चखकर परोसा जा रहा है। दरअसल पुलिस को जानकारी मिली है कि इंद्राणी की जान को खतरा है, इसलिए एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया जा रहा है। पिछले दिनों मुंबई के जेजे अस्पताल में भी उन्हें चखा हुआ खाना दिया गया। जेल के अधिकारी मानते हैं कि यदि भोजन चखने वाले पर 10 मिनट तक कोई प्रतिक्रिया नहीं होती, तब वह खाना इंद्राणी को दिया जा रहा है।
पिछले हफ्ते इंद्राणी को सीने में दर्द की शिकायत के बाद जेजे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने शक जताया था कि इंद्राणी ने नींद की कई गोलियां खा ली हैं। कुछ घंटे तक उसकी हालत नाजुक थी। महाराष्ट्र के सीएम ने इस घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं।
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