हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में एक सुरंग के भीतर बीते 9 दिनों से
फंसे तीन में से दो मजदूरों को एनडीआरएफ की टीम ने बाहर निकाल लिया है.
बताया जाता है कि ड्रिलिंग का काम अब खत्म हो चुका है और एनडीआरएफ की टीम सुरंग में उतर चुकी है. इससे पहले रविवार को सुरंग की छत को ड्रिल करते वक्त मशीन खराब हो गई थी, जिसके बाद नई मशीन मंगवाई गई.
सुंरग में फंसे मजदूरों को पाइप के जरिए ऑक्सीजन, ग्लूकोज, ओआरएस और जूस दिया जा रहा है. इसके साथ ही उनकी सेहत पर भी नजर रखी जा रही है. मौके पर डॉक्टरों की टीम भी मौजूद है.
गौरतलब
है कि सुरंग में फंसे सतीश और मनीराम से सीसीटीवी के जरिए संपर्क किया गया
है. दोनों की हालत ठीक है, लेकिन तीसरे मजदूर हृदय राम का कुछ पता नहीं चल
पाया है.
लगातार बारिश और ड्रिलिंग रिंग में गड़बड़ी आने के कारण शनिवार 12 सितंबर को निर्माणाधीन सुरंग धंस गई थी.
यह सुरंग कीरतपुर से मनाली के बीच 4 लेन नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट के लिए पनोह गांव के पास बन रही है.
सुरंग में फंसे सतीश और मनीराम से सीसीटीवी के जरिये संपर्क किया गया था. दोनों की हालत ठीक थी.
बता दे कि कीरतपुर से मनाली के बीच 4 लेन नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट के लिए पनोह गांव के पास बन रही इस सुरंग में तीन मजदूर 12 सितंबर से फंसे हैं.
बताया जाता है कि ड्रिलिंग का काम अब खत्म हो चुका है और एनडीआरएफ की टीम सुरंग में उतर चुकी है. इससे पहले रविवार को सुरंग की छत को ड्रिल करते वक्त मशीन खराब हो गई थी, जिसके बाद नई मशीन मंगवाई गई.
सुंरग में फंसे मजदूरों को पाइप के जरिए ऑक्सीजन, ग्लूकोज, ओआरएस और जूस दिया जा रहा है. इसके साथ ही उनकी सेहत पर भी नजर रखी जा रही है. मौके पर डॉक्टरों की टीम भी मौजूद है.
लगातार बारिश और ड्रिलिंग रिंग में गड़बड़ी आने के कारण शनिवार 12 सितंबर को निर्माणाधीन सुरंग धंस गई थी.
यह सुरंग कीरतपुर से मनाली के बीच 4 लेन नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट के लिए पनोह गांव के पास बन रही है.
सुरंग में फंसे सतीश और मनीराम से सीसीटीवी के जरिये संपर्क किया गया था. दोनों की हालत ठीक थी.
बता दे कि कीरतपुर से मनाली के बीच 4 लेन नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट के लिए पनोह गांव के पास बन रही इस सुरंग में तीन मजदूर 12 सितंबर से फंसे हैं.
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