मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के कई जिलों में हुई औसत से कम
वर्षा की स्थिति को देखते हुए आपात योजना बनाने के निर्देश दिये हैं.
उन्होंने कहा है कि खरीफ फसलों को सूखे और रोगों से बचाने के लिये एक्शन
प्लान तत्काल बनाया जाये.
मुख्यमंत्री ने कृषि कैबिनेट में प्रदेश में
वर्षा की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रदेश में मौसम के दीर्घकालिक
पूर्वानुमान को देखकर योजना तैयार की जाये. इसमें मौसम में बदलाव के
विकल्प के उपायों को भी शामिल किया जाये. फसलों को अवर्षा और अनियमित वर्षा
से बचाने में किसानों को हरसंभव राहत दी जाये. शिवराज ने रोग और कीटों के
प्रकोप से क्षतिग्रस्त फसलों का सर्वेक्षण करने के निर्देश राजस्व विभाग को
दिये, ताकि किसानों को उचित क्षतिपूर्ति मिले.
बैठक में बताया गया कि खरीफ 2015 में 14 जून
से 07 सितम्बर के मध्य 831.7 मिलीमीटर वर्षा हुई है. यह सामान्य से 8
प्रतिशत कम है. प्रदेश के 9 जिले में सामान्य से अधिक, 23 में सामान्य और
19 जिलों में सामान्य से कम वर्षा हुई है.
मुख्यमंत्री ने जल संसाधन विभाग और ऊर्जा
विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि खरीफ फसलों को बचाने के लिये जल
और विद्युत की आपूर्ति में कमी नहीं होनी चाहिये. उन्होंने कहा कि जिन
क्षेत्रों में बांध नहीं है, ऐसे क्षेत्रों में विद्युत की मांग में
अप्रत्याशित वृद्धि की संभावनाओं के दृष्टिगत कार्य-योजना बनाई जाये.
मुख्यमंत्री ने कृषि संबंधी जानकारियों
के साथ ही अवर्षा की स्थिति से निपटने के लिये जन-जागृति के नियोजित
प्रयास करने की जरूरत बताई. उन्होंने उन्नत बीजों के उपयोग और इंटरक्रॉपिंग
के लाभ और सावधानियों के विषय में भी किसानों को सूचित, शिक्षित करने की
आवश्यकता बताई.
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