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'मेड इन चाइना' में आजकल बढ़ रहा है ई-सिगरेट का चलन

नई दिल्ली । चाइना में हाल ही में हुई एक रिसर्च से यह पता चला है कि ई-सिगरेट से काफी हद तक तंबाकू पीने की इच्छा को कम किया जा सकता है। दरअसल ई-सिगरेट एक इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट है। इसे पर्सनल वेपराइजर कह सकते हैं, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलिवर सिस्टम होता है। यह बैटरी से चलता है। इसे पीने से आपको ऐसा लगता है कि आप सिगरेट या तंबाकू पी रहे हैं। खास बात यह कि इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट में तंबाकू नहीं होता, बल्कि निकोटीन का इस्तेमाल होता है जो तंबाकू के पौधे से लिया जाता है।
यूनिवर्सिटी की रिसर्च के अनुसार, 48 प्रतिशत लोग जो बिना किसी वजह के स्मोकिंग करते हैं, उनके लिए ई-सिगरेट पीना सही रहता है। कुमार ने बताया कि अधिकत्तर लोग इन चीनी ब्रैंड्स से परिचित नहीं हैं पर ये सस्ते हैं और इससे हम जैसे दुकानदारों को ज्यादा मुनाफा होता है। कुमार बताते हैं कि चीनी ब्रैंड्स के सिगरेट पैक यानी 10 सिगरेट बेचकर वे 10 रुपए कमा लेते हैं वहीं भारतीय ब्रैंड्स की इतनी सिगरेटें बेचने पर सिर्फ 4 रुपए का मुनाफा होता है। दरअसल इसका बाजारी पहलू यह है कि भारतीय ब्रैंड्स की सिगरेटों पर ऐक्साइज ड्यूटी ज्यादा है।
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