मीना : सऊदी सरकार ने हज के दौरान मची भगदड़ के लिए
जहां भीड़ नियंत्रण नियमों के पालन में खामी को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं,
एक रिपोर्ट में सऊदी के बादशाह सलमान बिन अब्दुलाजीज अल सौद के पुत्र के
काफिले को इस हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
अरबी भाषा के समाचार पत्र अल-दीयार ने गुरुवार को अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि भगदड़ मचने में प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सौद के काफिले की मुख्य भूमिका है।
भगदड़ में 700 से ज्यादा जायरीनों की मौत हो जाने के बाद सऊदी अरब काफी अंतरराष्ट्रीय दबाव से गुजर रहा है। सऊदी अरब का क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी ईरान ने इस घटना को लेकर सऊदी की आलोचना की है। तेहरान में नेताओं ने कहा कि रियाद हज का प्रबंधन करने में असमर्थ है। भगदड़ में ईरान के 131 नागरिकों की मौत हुई है।
रिपोर्ट में कहा गया कि गुरुवार तड़के सलमान अपने भारी काफिले और सख्त सुरक्षा के बीच मीना पहुंचे थे। उनकी मौजूदगी से हज यात्रियों की संचालन दिशा में बदलाव करना पड़ा जिसकी वजह से भगदड़ मची। समाचार पत्र ने लिखा है कि घटना के तुरंत बाद सलमान और उनका काफिला वहां से निकल गया। समाचार पत्र का कहना है कि सऊदी के अधिकारी सलमान की मौजूदगी वाली बात को दबाने में जुटे हैं।
सऊदी अरब के अधिकारियों ने हालांकि इस रिपोर्ट को खारिज किया है। सऊदी के स्वास्थ्य मंत्री खालिद अल-फालिह ने एक बयान में कहा कि इस घटना की तेजी से जांच की जाएगी और मृतकों एवं घायलों का आधिकारिक आंकड़ा दिया जाएगा।
गौरतलब है कि मीना में गुरुवार को हुई इस दुर्घटना में कुल 863 अन्य लोग घायल हुए हैं। हज के दौरान निभाई जाने वाली अंतिम सबसे बड़ी रस्म में 180 देशों से आए 20 लाख हजयात्री हिस्सा ले रहे थे।
डेढ़ लाख से ज्यादा भारतीय इस साल हज में हिस्सा ले रहे हैं। हज को इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक माना जाता है और कहा जाता है कि आर्थिक और शारीरिक रूप से सक्षम हर मुस्लिम को जीवन में एकबार हज अवश्य करना चाहिए।
यह भगदड़ उस समय मची, जब हजयात्रियों की दो भारी कतारें, अलग-अलग दिशाओं से एक दूसरे के सामने आ गईं। यह स्थान मीना के जमारात ब्रिज की उस पांच मंजिला इमारत के करीब है, जहां पत्थर से बनी तीन दीवारों पर पत्थर फेंककर प्रतीकात्मक रूप से शैतान को पत्थर मारने की रस्म निभाई जाती है।
अरबी भाषा के समाचार पत्र अल-दीयार ने गुरुवार को अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि भगदड़ मचने में प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सौद के काफिले की मुख्य भूमिका है।
भगदड़ में 700 से ज्यादा जायरीनों की मौत हो जाने के बाद सऊदी अरब काफी अंतरराष्ट्रीय दबाव से गुजर रहा है। सऊदी अरब का क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी ईरान ने इस घटना को लेकर सऊदी की आलोचना की है। तेहरान में नेताओं ने कहा कि रियाद हज का प्रबंधन करने में असमर्थ है। भगदड़ में ईरान के 131 नागरिकों की मौत हुई है।
रिपोर्ट में कहा गया कि गुरुवार तड़के सलमान अपने भारी काफिले और सख्त सुरक्षा के बीच मीना पहुंचे थे। उनकी मौजूदगी से हज यात्रियों की संचालन दिशा में बदलाव करना पड़ा जिसकी वजह से भगदड़ मची। समाचार पत्र ने लिखा है कि घटना के तुरंत बाद सलमान और उनका काफिला वहां से निकल गया। समाचार पत्र का कहना है कि सऊदी के अधिकारी सलमान की मौजूदगी वाली बात को दबाने में जुटे हैं।
सऊदी अरब के अधिकारियों ने हालांकि इस रिपोर्ट को खारिज किया है। सऊदी के स्वास्थ्य मंत्री खालिद अल-फालिह ने एक बयान में कहा कि इस घटना की तेजी से जांच की जाएगी और मृतकों एवं घायलों का आधिकारिक आंकड़ा दिया जाएगा।
गौरतलब है कि मीना में गुरुवार को हुई इस दुर्घटना में कुल 863 अन्य लोग घायल हुए हैं। हज के दौरान निभाई जाने वाली अंतिम सबसे बड़ी रस्म में 180 देशों से आए 20 लाख हजयात्री हिस्सा ले रहे थे।
डेढ़ लाख से ज्यादा भारतीय इस साल हज में हिस्सा ले रहे हैं। हज को इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक माना जाता है और कहा जाता है कि आर्थिक और शारीरिक रूप से सक्षम हर मुस्लिम को जीवन में एकबार हज अवश्य करना चाहिए।
यह भगदड़ उस समय मची, जब हजयात्रियों की दो भारी कतारें, अलग-अलग दिशाओं से एक दूसरे के सामने आ गईं। यह स्थान मीना के जमारात ब्रिज की उस पांच मंजिला इमारत के करीब है, जहां पत्थर से बनी तीन दीवारों पर पत्थर फेंककर प्रतीकात्मक रूप से शैतान को पत्थर मारने की रस्म निभाई जाती है।
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