पूर्णिया जिले के कुछ गांवों में इन दिनों रहस्यमयी घटनाएं घट रही
हैं. घरों की सिलबट्टा (मशाला पिसने के प्रयोग में आने वाली पत्थर की
सिल्ली) अपने आप कूटी (टांके) जा रही है. लोग इसे दैवीय प्रकोप मानकर घरों
में पूजा अर्चना शुरू कर दी है.
मगध मेडिकल थाना के विषुनपुरा गांव में दर्जनों घरों में
लोग अचंभित हैं कि आखिर घरों के लोढ़े और सिलबट्टा कौन कूट रहा है. पहले से
ही कई गांवों में यह भी अफवाह है कि जिसके घर में सिलबट्टा कूटने की आवाज
सुनी जा रही है वह टोक-टाक नहीं करे वरना मौत हो सकती है. ऐसे में लोग काफी
भयभीत हैं.
गांव के नरेश पासवान, सम्फुल देवी समेत कई लोगों ने बताया
कि उनका सिलबट्टा चिकना था. रात में अचानक उसे कूट दिया गया है. करीब 10
घरों में दो दिनों के भीतर ऐसा हुआ है. गांव में इसे प्रकोप माना जा रहा
है. डर से किसी घर में पूजा पाठ बंद कर दी गई है तो कहीं खूब पूजा पाठ हो
रहा है.
सिलौट का उपयोग बंद कर दिया गया है और खल में मसाले कूट कर
प्रयोग किए जा रहे हैं. इसके अलावा डिब्बाबंद मसालों का उपयोग शुरू कर
दिया गया है. फिलहाल इस अजीबोगरीब घटना के बाद गांव में भजन कीर्तन कराए जा
रहे हैं. कोई इसे शिवगुरू की कृपा तो कोई इसे देवी मां का चमत्कार मान रहा
है.
सिलबट्टा कूटने की घटनाएं गया जिले के कई इलाकों में देखी
और सुनी जा रही है. सच्चाई क्या है लोग इसे जानने में जुटे हैं, लेकिन अब
तक सिलबट्टा कूट देने वाले का पता नहीं चल सका है.
0 comments:
Post a Comment