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मुसलमानों ने शुरू किया हज का सफर


मीना: वार्षिक हज यात्रा की शुरूआत के मौके पर डेढ लाख से ज्यादा भारतीय मुसलमानों के साथ ही दुनियाभर से आए लाखों मुस्लिमों ने आज पवित्र शहर मक्का से नजदीकी शहर मीना में जाने की अपनी यात्रा शुरू कर दी.
 
हज यात्रियों ने लब्बेक अल्लाहुम्मा लब्बेक : मैं तुम्हारे पास आया हूं, ऐ मेरे अल्लाह, मैं तुम्हारे पास आया हूं: के उच्चारण के साथ बिना सिले सफेद कपडे पहने समूहों में मीना की ओर बढना शुरू कर दिया। मीना को टेंटों का शहर भी कहा जाता है.हज के दौरान पुरुष, दो टुकडों का बिना सिला सफेद कपडा पहनते हैं जो कि पवित्रता का प्रतीक होता है, जबकि महिलाएं भी आमतौर पर सफेद कपडे पहनती हैं और हाथ तथा चेहरे को छोडकर अपने पूरे शरीर को ढके रहती है. इसे अहराम कहा जाता है.
 
बडी संख्या में हज यात्रियों ने मक्का से मीना की अपनी करीब पांच किलोमीटर की यात्रा कल रात ही शुरू कर दी थी जबकि ज्यादातर लोगों ने आज फज्र (सुबह) की नमाज के बाद अपने सफर की शुरूआत की.ज्यादातर हज यात्रियों ने अपना सफर बसों से शुरू किया जिनका इंतजाम उनके लिए उनके हज मिशनों और सऊदी अरब की सरकार ने किया था. वहीं कुछ ने पैदल ही जाना बेहतर समझा. कुछ हज यात्री व्हीलचेयर पर भी देखे गए.
 
मीना में भावनात्मक दृश्य भी देखने में आए जब यहां पहुंचे कई हज यात्री अपने आंसू नहीं रोक पाए जबकि कई अन्यों ने अल्लाह का शुक्रिया किया कि अल्लाह ने उनके लिए हज करने को मुमकिन बनाया.हज यात्री मीना में कुरान पढते हुए या नमाजें अदा करके रात गुजारेंगे और फिर कल माउंट आराफात के लिए रवाना होंगे. मीना में हज यात्रियों के ठहरने के लिए एक लाख 60 हजार आग रोधी टेंट हैं. आग से सुरक्षा से उपाय किए गए हैं और पूरी मीना घाटी में पानी की पाइपों का एक एकीकृत नेटवर्क है.
 
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