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ओवैसी ने पूछा, क्या दंगों में मारने वालों को फांसी नहीं दी जानी चाहिए

हैदराबाद। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि गुजरात की तत्कालीन नरेंद्र मोदी सरकार ने अभियोजन से गोधरा कांड के बाद वर्ष 2002 में हुए दंगों के एक मामले में दोषी पूर्व मंत्री मायाबेन कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी के लिए मौत की सजा का दबाव नहीं बनाने के लिए कहा था। हैदराबाद से लोकसभा सदस्य ने सवाल किया कि क्या दंगों के दौरान हत्याएं करने के लिए जिम्मेदार लोगों को मौत की सजा नहीं होनी चाहिए?
आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लमीन (एआईएमआईएम) के नेता ने आरोप लगाया कि माया कोडनानी और बाबू बजरंगी को एक अदालत ने दोषी ठहराया और उन्हें 92 लोगों की हत्या के संबंध में उम्रकैद की सजा सुनाई। अभियोजन फांसी की सजा चाहता था। लेकिन गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी ने अभियोजन से हाई कोर्ट आदेश के खिलाफ अपील नहीं करने के लिए कहा और सजा उम्रकैद ही रह गई। ओवैसी ने सवाल किया कि क्या 92 लोगों को मारने वालों को मृत्युदंड नहीं मिलना चाहिए? मृत्युदंड कब दिया जाना चाहिए?
नरौदा पाटिया नरसंहार मामले में अगस्त 2012 में गुजरात की एक अदालत ने भाजपा की पूर्व मंत्री माया कोडनानी और बजरंगी को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। अपने भाषण के दौरान असदुद्दीन ने याकूब मेमन को फांसी के खिलाफ मीडिया में आई एक खबर पढ़ी। उन्होंने हाल ही में कहा था कि 1993 के मुंबई विस्फोटों में दोषी ठहराए गए याकूब को उसके धर्म की वजह से यह सजा सुनाई गई है। उन्होंने कहा कि क्या यह सच है कि पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने एक दया याचिका के साथ तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से मुलाकात कर राजोअना के लिए दया की मांग की थी।
असदुद्दीन ने भाजपा को बेअंत सिंह के हत्यारे को फांसी देने की चुनौती दी। भाजपा पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के साथ सत्ता साझा कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि आप की नीति आतंकवाद को तनिक भी बर्दाश्त नहीं करने की है तो साबित करिए। मैं भाजपा को बेअंत सिंह के हत्यारे को फांसी दिए जाने की मांग करने की चुनौती दे रहा हूं।
एआईएमआईएम नेता ने कहा कि बाबरी मस्जिद को 1992 में ढहाया गया लेकिन वह मामला अभी तक लटका पड़ा है। उन्होंने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी बाबरी मस्जिद में आरोपी हैं लेकिन उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। यदि उनके खिलाफ मामला होगा तो उनसे अलग सलूक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि मुझ पर आपराधिक मामला होता तो मुझे पासपोर्ट नहीं मिलता, क्या यह न्याय है? उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद न्याय पाने का विषय है। गुजरात दंगा और दिल्ली में 1984 का सिख विरोधी दंगा भी न्याय पाने से जुड़े मुद्दे हैं। ओवैसी ने बाबरी मस्जिद मुद्दे पर कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे।
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