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जल्‍लाद नहीं, तो फिर कौन देगा याकूब मेमन को फांसी?

1993 मुंबई बम धमाकों के गुनहगार याकूब मेमन को बृहस्‍पतिवार सुबह सात बजे याकूब को महाराष्‍ट्र के नागपुर के सेंट्रल जेल में फांसी दी जाएगी. नागपुर सेंट्रल जेल में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. फांसी को लेकर याकूब के परिजनों को भी जानकारी दे दी गई है.
दिलचस्‍प बात यह है कि याकूब को फांसी कोई जल्‍लाद नहीं देगा. नागपुर जेल सुपरिटेंडेंट योगेश देसाई खुद फांसी का फंदा याकूब की गर्दन में लटकाएंगे. दरअसल, योगेश देसाई ने ही 26/11 के दोषी आतंकवादी अजमल कसाब को फांसी दी थी.
फांसी से पहले याकूब को उसका पसंदीदा खाना खिलाया जाएगा. याकूब की फांसी के लिए जो रस्सी उपयोग में लाई जाएगी, वह भी नागपुर जेल में बनी है. इससे पहले चर्चा थी कि यह रस्‍सी बिहार के बक्‍सर सेंट्रल जेल से मंगाई जा सकती है.
वैसे भी महाराष्ट्र में केवल दो जेलों में फांसी की सजा का इंतजाम है. ये हैं- पुणे की यरवडा जेल और नागपुर सेंट्रल जेल. याकूब नागपुर सेंट्रल जेल में बंद है, लिहाजा उसे वहीं फांसी दी जाएगी.
टाडा कोर्ट ने याकूब मेनन की फांसी को लेकर नागपुर जेल को डेथ वॉरंट भेज दिया है. इस डेथ वॉरंट में फांसी की तारीख और समय दर्ज है. याकूब की फांसी को लेकर तारीख है 30 जुलाई और समय सुबह 7 बजे.
फांसी के बाद याकूब मेमन के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल ले जाया जाएगा. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक याकूब का शव उसके परिवार को सौंप दिया जाएगा. याकूब का परिवार तय करेगा कि वे शव को सुपुर्दे-ए-खाक करना चाहते हैं या फिर नहीं.
इससे पहले यह चर्चा थी कि याकूब मेमन को फांसी देने के लिए किसी जल्‍लाद को बुलाया जाएगा. यूपी के मेरठ के पवन जल्‍लाद ने इसके लिए जेल प्रशासन को पत्र भी लिखा था, लेकिन उसकी हसरत अधूरी ही रह गई.
गौरतलब है कि पेशे से चार्टर अकाउंटेंट मेमन को मार्च, 1993 में मुंबई में हुए सीरियल ब्‍लास्‍ट के लिए दोषी ठहराया गया था. इस हमले में 257 लोगों की मौत हो गई, जबकि 712 अन्य घायल हो गए थे. याकूब मेमन मुंबई में अपने भाई टाइगर मेमन के पैसों का हिसाब-किताब रखता था.
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