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साढ़े तेरह हजार फौती नामांतरण प्रकरण प्रशासन के अभियान से निपट गए



छिन्दवाड़ा जिले में इस वर्ष एक विशेष अभियान चलाकर फौती नामान्तरण के प्रकरणों का निपटारा किया गया है। जिले में ऐसे लगभग साढ़े तेरह हजार मामले हल हो गये हैं और संबंधित परिवारों को राजस्व स्टाफ और तहसील कार्यालय के चक्कर लगाने से राहत भी मिल गई है।
किसी किसान या खातेदार की मृत्यु हो जाने के बाद बरसों तक उनके विधिक वारिसों के नाम फौती नामान्तरण की कार्यवाही न होने से अनेक कठिनाइयाँ उत्पन्न होती हैं। संबंधित परिवार इन कठिनाइयों का सामना करने को विवश हो जाता है। छिन्दवाड़ा जिले में विशेष अभियान के संचालन फलस्वरूप वर्ष 2019 में कुल 13 हजार 642 फौती नामान्तरण के प्रकरण निराकृत कर दिये गये हैं।
किसानों को इस अभियान के संबंध में अवगत करवाने के लिये कलेक्टर के निर्देशन में माह जनवरी, फरवरी और छह माह बाद फिर से जुलाई और अगस्त माह में हल्का पटवारियों को दायित्व सौंपा गया। ग्राम-ग्राम जाकर ग्रामीणजन और जन-प्रतिनिधियों की उपस्थिति में बी-एक का वाचन करवाने और फौत खातेदारों के वारिसों के नाम नामान्तरण के लिये संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार और नायब तहसीलदार न्यायालय में ऑनलाइन पंजीयन की कार्यवाही की गई। पंजीयन के बाद पूरी विधिक प्रक्रिया का पालन करते हुए राजस्व अधिकारियों ने फौती नामान्तरण प्रकरणों का निराकरण किया। नामान्तरण के बाद राजस्व अभिलेखों को अद्यतन भी कर लिया गया है।
कलेक्टर छिन्दवाड़ा ने सतत समीक्षा करते हुए राजस्व अधिकारियों को यह हिदायत भी दी कि फौती नामान्तरण प्रकरणों में पारित आदेश के तत्काल क्रियान्वयन के साथ ही उसकी राजस्व अभिलेख में प्रविष्टि कर अद्यतन खसरे की दो प्रति तैयार की जाये। एक प्रति संबंधित खातेदार को देते हुए दूसरी प्रति में पावती प्राप्त कर संबंधित राजस्व प्रकरण में संलग्न की गई। मृतक भूमि स्वामी की भू-अधिकार ऋण पुस्तिका भी अद्यतन की गई और उसे वारिसों को सौंपा गया। कुछ मामलों में तो 10 से 15 वर्ष पहले के फौत खातेदारों के नामान्तरण न होने की जानकारी प्रकाश में आई। अक्सर सी.एम. हेल्पलाइन और जन सुनवाई जैसे मंच राजस्व समस्याओं को हल करने वाले आवेदकों के कारण व्यस्त रहते हैं। अब इस तरह के आवेदकों को परेशान नहीं होना पड़ेगा।

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