आज नौसेना में शामिल होगा पहला स्वदेशी डीएसवी 'आईएनएस निस्तार'
भारतीय नौसेना की ताकत अब और बढ़ने वाली है। दरअसल आज नौसेना के बेडे़ में देश के पहले स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट वेसल (डीएसवी) आईएनएस निस्तार को शामिल किया जाएगा। केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ की मौजूदगी में विशाखापत्तनम स्थित नेवल डॉकयार्ड में आईएनएस निस्तार को नौसैनिक बेड़े में शामिल किया जाएगा। आईएनएस निस्तार को देश में ही डिजाइन और इसका निर्माण किया गया है। हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड ने 8 जुलाई 2025 को ही भारतीय नौसेना को सौंपा गया था। इस युद्धक जहाज का निर्माण भारतीय शिपिंग रजिस्टर के नियमों के तहत किया गया है।
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में अहम कदम
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में यह अहम कदम है। सरकार के आधिकारिक बयान के अनुसार, कुल 120 एमएसएमई कंपनियों ने मिलकर इस युद्धक जहाज को बनाने का काम किया। आईएनएस निस्तार के 80 फीसदी उपकरण स्वदेशी हैं। यह युद्धक जहाज आधुनिक तकनीक से लैस है और इसकी मदद से समुद्र में गहरे तक उतरा जा सकता है। इस डाइविंग सपोर्ट वेसल की मदद से राहत और बचाव कार्य चलाने, मरम्मत के काम आदि में काफी मदद मिलेगी। दुनिया के चुनिंदा देशों के पास ही अभी आईएनएस निस्तार जैसी ताकत है।
निस्तार नाम संस्कृत भाषा से लिया गया है, जिसका मतलब होता है आजादी या बचाव। आईएनएस निस्तार की खासियत की बात करें तो यह 118 मीटर लंबा और 10 हजार टन वजनी जहाज है, जो समुद्र में गहराई तक जाने में मदद करने वाले उपकरणों से लैस है। इसकी मदद से 300 मीटर तक समुद्र की गहराई में जाया जा सकता है।
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