सावन में इन 14 चीजों से बने शिवलिंग की पूजा का विशेष महत्व
विश्वनाथ का प्रिय महीना सावन 11 जुलाई से 9 अगस्त तक है। इस महीने में शिवालय बम भोले की गूंजते नजर आएंगे। भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार शिवलिंग की पूजा-अर्चना करेंगे। अमूमन इन मंदिरों में पत्थर या धातु के शिवलिंग पूजे जाते हैं।
लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि धातु या पत्थर नहीं, पीपल की लकड़ी, आंवला, मिश्री, सोंठ, मिर्च, दही, गुड़ और फूलों से बने शिवलिंग की पूजा का खास महत्व होता है। धर्म ग्रंथों में शिव लिंग के 20 प्रकार और महत्त्व का वर्णन मिलता है। आइये जानते हैं इसका फल
हर सामग्री के शिवलिंग की पूजा का अलग फल
हिंदू धर्म में शिवलिंग की पूजा का विशेष महत्व है। शिव पुराण, लिंग पुराण और स्कंद पुराण में कई सामग्रियों से निर्मित शिवलिंग की पूजा का उल्लेख मिलता है। मान्यता है कि प्रत्येक सामग्री से बने शिवलिंग की पूजा का विशिष्ट फल होता है, जो भक्तों के जीवन में सुख, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति लाता है।
मान्यता है कि सावन में दही, गुड़, आंवला, कपूर, दुर्वा, स्फटिक, मोती, स्वर्ण निर्मित शिवलिंग, चांदी के बने शिवलिंग, पीपल की लकड़ी से बना शिवलिंग, लहसुनिया से बना शिवलिंग, बिबर की मिट्टी के बने शिवलिंग, पारद शिवलिंग का अभिषेक के लिए सर्वोत्कृष्ट होता है।
पारद के शिवलिंग की पूजा सर्वश्रेष्ठ, मिलती है सुख समृद्धि
शिव पुराण में पारद (पारा) से बने शिवलिंग का अभिषेक सर्वोत्तम माना गया है, जो सभी सिद्धियों और मोक्ष का दाता कहा गया है। शिवलिंग की पूजा से न केवल आध्यात्मिक, बल्कि भौतिक सुख-समृद्धि भी प्राप्त होती है।
गुड़ के शिवलिंग की पूजा से किसानों को विशेष लाभ
गुड़ से निर्मित शिवलिंग में अन्न चिपकाकर पूजन करने से कृषि उत्पादन में वृद्धि होती है, जो खेती-किसानी से जुड़े भक्तों के लिए विशेष लाभकारी है।
मोक्षदायक है आंवले का शिवलिंग
लिंग पुराण में उल्लेख है कि आंवले से बने शिवलिंग का रुद्राभिषेक करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
कपूर के शिवलिंग से मिलती है मुक्ति
कपूर से निर्मित शिवलिंग की पूजा आध्यात्मिक उन्नति और मुक्ति प्रदान करती है, जो साधकों के लिए महत्वपूर्ण है।
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