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मप्र की नई तबादला नीति का ड्राफ्ट अटका,जीएडी की साइट दिखा रही 4 साल पुरानी पॉलिसी

 मप्र की नई तबादला नीति का ड्राफ्ट अटका,जीएडी की साइट दिखा रही 4 साल पुरानी पॉलिसी


भोपाल।

मध्य प्रदेश में करीब चार साल के अंतराल से नई तबादला नीति को सरकार ने मंजूरी दी। जिसे एक मई से लागू होना है,लेकिन अब तक राज्य का जीएडी महकमा इस नीति का ड्राफ्ट ही जारी नहीं कर सका। 

नई तबादला नीति को पिछले मंगलवार को ही राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में मंजूरी मिली। आमतौर पर नीति को मंजूरी के साथ ही इसका ड्राफ्ट भी सार्वजनिक हो जाया करता था,लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सका। एक मई से लागू होने वाली इस नीति को लेकर विभागों के अफसरों को उम्मीद रही कि ड्राफ्ट के आने पर वे इसका अध्ययन कर नीति पर अमल शुरू करेंगे,लेकिन जीएडी की वेबसाइट अब भी साल 2021—22 की तबादला नीति को ही प्रदर्शित कर रही है। इससे तबादले के इंतजार में बैठे अधिकारी,कर्मचारियों को भी निराशा हुई। 

अधूरा ड्राफ्ट ,सुधार की भी गुंजाइश

बताया जाता है कि तबादला नीति के ड्राफ्ट में कैबिनेट बैठक में मिले सुझाव के बाद कुछ संशोधन किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य व स्कूल शिक्षा ​विभाग अपनी अलग तबादला नीति बनाने की तैयारी में है। सूत्रोें के मुताबिक,इन तमाम बातों को देखते हुए जीएडी नीति प्रारूप को अंतिम रूप नहीं दे सका। माना जा रहा है कि जल्द ही नई नीति का प्रारूप जारी होगा। इसके आधार प​र विभाग तबादले की प्रक्रिया तय कर सकेंगे।

2023 से लगा हुआ था तबादलों पर प्रतिबंध

गौरतलब है कि 2023 में हुए एमपी विधानसभा चुनाव के बाद से प्रदेश में तबादलों पर बैन लगा हुआ था और नई तबादला नीति घोषित नहीं की गई थी, जिसके चलते कर्मचारियों अधिकारियों में नाराजगी बढ़ने लगी थी, ऐसे में अब मोहन सरकार ने नई तबादला नीति को मंजूरी देते हुए तबादलों से बैन हटा दिया है जिसकी प्रक्रिया 30 मई तक चलेगी। आखिरी बार तबादला नीति 2021-22 में लागू की गई थी।

नई नीति 1 से 30 मई तक के लिए

नई नीति के तहत 1 मई से 30 मई तक तबादले किए जा सकेंगे। इसके बाद ये पुन:प्रतिबंधित होंगे। नई नीति के तहत, कर्मचारियों को ट्रांसफर के लिए अपने विभाग की तरफ से तय की गई प्रक्रिया के आधार पर ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन करना होगा।चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के तबादले सीधे विभागीय मंत्री कर सकेंगे। मंत्री अपने विभागों में एक से दूसरे जिले में अधिकारी, कर्मचारी के ट्रांसफर कर सकेंगे। इसके अलावा वे अपने प्रभार के जिलों में जिले से जिले के अंदर तबादला कर पाएंगे।

इस संबंध में जीएडी के जिम्मेदार अधिकारी कुछ बोलने से बच रहे हैं।

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