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लोकसभा ने जल शक्ति मंत्रालय की अनुदान मांगों को पारित किया

 लोकसभा ने जल शक्ति मंत्रालय की अनुदान मांगों को पारित किया

सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत अब तक देश के 15 करोड़ 52 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल का पानी उपलब्ध कराया है। लोकसभा में अपने मंत्रालय से संबंधित अनुदानों की मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल ने कहा कि जब 2019 में जल जीवन मिशन शुरू किया गया था, तब केवल लगभग तीन करोड़ ग्रामीण परिवारों के पास नल के पानी के कनेक्शन थे। उन्होंने कहा कि 5 लाख गांवों की 25 लाख महिलाओं को पानी के नमूनों की जांच करने का प्रशिक्षण दिया गया है। श्री पाटिल ने बताया कि केंद्र ने पिछली यूपीए सरकार की तुलना में पेयजल और संबंधित क्षेत्रों पर बजट में चार गुना वृद्धि की है। इसके बाद सदन ने वर्ष 2025-26 के लिए जल शक्ति मंत्रालय से संबंधित अनुदान मांगों को पारित कर दिया।


इससे पहले कांग्रेस के रॉबर्ट ब्रूस ने आरोप लगाया कि सरकार 2024 तक हर ग्रामीण घर में नल का पानी पहुंचाने में विफल रही है। श्री ब्रूस ने सरकार पर केवल गंगा नदी की सफाई पर ध्यान केंद्रित करने और देश की अन्य प्रमुख नदियों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। समाजवादी पार्टी के आनंद भदौरिया ने कहा कि सरकार नदियों को जोड़ने, नमामि गंगे और अटल भूजल योजना जैसे हर मोर्चे पर विफल रही है। उन्होंने सरकार पर देश में बाढ़ और सूखे के प्रबंधन के लिए कोई योजना नहीं बनाने का आरोप लगाया। चर्चा में निर्दलीय सांसद उमेशभाई बाबूभाई पटेल और भारत आदिवासी पार्टी के राज कुमार रोत सहित कुछ अन्य सदस्यों ने भी भाग लिया।

राज्यसभा में आज गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा फिर शुरू हुई। चर्चा में भाग लेते हुए भारतीय जनता पार्टी के डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त करके देश को सही अर्थो में धर्मनिरपेक्ष बनाने का काम किया है। उन्होंने महाकुंभ के आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि इस दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। यह सुरक्षा बलों की कार्यकुशलता को दर्शाता है। प्रस्तावित परिसीमन प्रक्रिया पर डॉ. त्रिवेदी ने विपक्षी दलों से जनसंख्या नियंत्रण कानून का समर्थन करने को कहा। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने मणिपुर की समस्याओं से निपटने के लिए संवेदनशीलता के साथ काम किया है।

कांग्रेस सांसद अजय माकन ने दिल्ली में बढ़ते अपराध का मुद्दा उठाते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस सीधे गृह मंत्रालय के अधीन आती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध की दर सबसे अधिक है। श्री माकन ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ दिल्ली में 77 हजार आपराधिक मामले लंबित हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को इस मुद्दे से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए केंद्र के साथ मिलकर काम करना चाहिए। श्री माकन ने देश में बढ़ते नशे के खतरे का मुद्दा भी उठाया।

डीएमके के एम षणमुगम ने सुरक्षाकर्मियों के लंबे समय तक काम करने और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में रिक्त पदों का मुद्दा उठाया। आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने देश में बढ़ते अपराधों पर सरकार से सवाल करते हुए कहा कि दिल्ली अपराध का केंद्र बन गई है। राज्‍यसभा में चर्चा जारी है।

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