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सहकारिता आंदोलन को आगामी 4 वर्ष में नए मुकाम पर पहुंचाएंगे : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

 सहकारिता आंदोलन को आगामी 4 वर्ष में नए मुकाम पर पहुंचाएंगे : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

 मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार सर्वजनकल्याण के संकल्पों के साथ कार्य कर रही है। वर्तमान में पंचायत से लेकर मंत्रालय तक पारदर्शितापूर्ण कार्य शैली के कारण अन्य क्षेत्रों के साथ सहकारी क्षेत्र में समृद्ध हुआ है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय सहकारिता एवं गृह मंत्री श्री अमित शाह ने सहकारिता का लाभ पहुंचाने के लिये बहुजन हिताय-बहुजन सुखाय के भाव के अनुसार कार्य करने के लिए मार्गदर्शन दिया है। मध्यप्रदेश सहकारिता के क्षेत्र में निश्चित ही नए दौर की नई कहानी लिखेगा। गुजरात में दूध पर बोनस की जिस तरह व्यवस्था है, मध्यप्रदेश भी इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसके साथ ही मध्यप्रदेश में मत्स्य पालन के लिए काफी बड़ा क्षेत्र है और हाल ही में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में भी उद्योग क्षेत्र के साथ सहकारिता ने कार्य करने की पहल की है। मध्यप्रदेश में सहकारिता आंदोलन को गति दी जा रही है। अब सहकारिता क्षेत्र में व्यवस्थाएं काफी पारदर्शी हैं और मध्यप्रदेश में सहकारिता के विभिन्न आयामों पर कार्य किया जाएगा। आने वाले चार वर्ष में सहकारिता आंदोलन को नए मुकाम पर पहुंचाया जाएगा।


मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बुधवार को समन्वय भवन में अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 के राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सम्मेलन में पधारे प्रदेश भर के प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने सहकारिता विभाग में नवनियुक्त सहकारी निरीक्षकों के नियुक्ति पत्र भी सौंपे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सहकारिता विभाग के प्रयासों की सराहना की।

भारत में प्रचलित व्यवस्थाओं से सीखते हैं अन्य देश

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारत में सहकारिता का इतिहास पुराना है। भारत में वर्षों पूर्व अश्वमेघ यज्ञ की परंपरा रही थी। लेकिन भारत ने किसी राष्ट्र पर कब्जा नहीं किया। छोटे-छोटे राज्यों की स्वायत्तता को खत्म नहीं होने दिया बल्कि उन्हें साथ लेकर कार्य किया और उनके स्वावलंबन को भी जीवंत रखा। सच्चे अर्थों में संयुक्त राष्ट्र संघ की भावना का पालन करने वाला कोई राष्ट्र है तो वह भारत है। जब यह कहा जाता है सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामया: ....तो इसका अर्थ है सभी को परस्पर जोड़ना और अपने लाभ में उन्हें सहभागी बनाना। यह वसुधैव कुटुम्बकम जैसे वेद वाक्य का लघु रूप है। प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व में भारत की गरिमा बढ़ाने का कार्य किया है। 

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