भोपाल सेंट्रल जेल कैसे पंहुचा खुफ़िआ चाइनीज ड्रोन
खुफिया एजेंसियों को इस ड्रोन की जांच करने के लिए लगा दिया गया है. ये पता लगाने की पूरी कोशिश की जा रही है कि आखिरकार ये कैमरा जेल के अंदर कैसे पहुंचा. वह भी उस जगह पर जहां कुख्यात आतंकियों को रखा गया है. इस जेल में बंद आतंकवादियों को रोज काम करने के लिए सुबह और शाम बैरक से बाहर लाया जाता है. इस दौरान दो प्रहरी इनकी निगरानी करते हैं. इनमें कई आतंकी संगठन के आतंकवादी भी बंद हैं.
ड्रोन में कैमरा, लेकिन स्टोरेज डिवाइस नहीं
पुलिस ने मौके पर चेक किया तो देखा कि ड्रोन में कैमरा तो लगा है, लेकिन स्टोरेज डिवाइस नहीं है। इसलिए इससे रिकाॅर्डिंग नहीं हो सकती है, लेकिन एक बड़ा सवाल यह है कि ड्रोन यहां तक कैसे पहुंचा। पुलिस ने ड्रोन मिलने के बाद आसपास के इलाकों में गश्त की। पुलिस का कहना है कि पास ही एक ड्रोन ट्रेनिंग का इंस्टीटयूट भी है, जो अभी बंद है। आसपास कुछ साॅफ्टवेयर कंपनियां भी है। गांधी नगर पुलिस का कहना है कि ड्रोन को पुलिस की टेक्निकल शाखा में जांच के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
जेल में सामान लाने के लिए किया जा रहा था प्रयोग :
अधिकारियों को शक है कि ड्रोन का इस्तेमाल जेल में सामान लाने के लिए किया जा रहा था। जेल में चाकू, ड्रग्स और फोन जैसी चीज़ें पहले भी मिल चुकी हैं। उन्होंने हम किसी भी सुरक्षा खतरे से निपटने के लिए सभी सावधानियां बरत रहे हैं। खुफिया एजेंसियां भी जांच में मदद कर रही हैं। वे यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि ड्रोन जेल के अंदर से चलाया गया था या बाहर से
कई स्तर पर बढे सुरक्षा इंतजाम :
भोपाल सेंट्रल जेल में कई स्तर की सुरक्षा है। यहां सिग्नल जाम करने वाले एडवांस्ड जैमर भी लगे हैं। लेकिन फिर भी ड्रोन जेल के अंदर कैसे पहुंचा, यह एक बड़ा सवाल है। अधिकारी CCTV फुटेज की जांच कर रहे हैं। सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा किया जा रहा है। ताकि भविष्य में ऐसी घटना न हो। गौरतलब है कि इस जेल में कुल 69 आतंकी बंद हैं। इनमें सिमी के 23, पीएफआई के 21, हिज्ब उत तहरीर के 17, जेएमबी के 4 और आईएसआईएस के चार आतंकी शामिल हैं। वहीं, इनमें हर आतंकी पर नजर रखने के लिए दो प्रहरी हैं।
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