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 सर्दी के साथ ही बढ़ा ब्रेन हेमरेज का खतरा

  सर्दी के साथ ही बढ़ा ब्रेन हेमरेज का खतरा

ठंड से बचें, सेहत की फिक्र ही बचाव का उपाय

भोपाल । सर्दी बढऩे से ब्रेन स्ट्रोक, हेमरेज का खतरा भी बढ़ गया है। क्योंकि सर्दी में शरीर की नसों का सिकुडऩा ब्रेन व हार्ट को प्रभावित करता है। अस्पतालों में ब्रेन स्ट्रोक के मरीज पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि सर्दियों में धमनियां सिकुड़ जाती हैं और खून गाढ़ा होने लगता है। इसलिए खून का थक्का जमने से ब्रेन हेमरेज व हृदयघात होने की आशंका बढ़ जाती है।


डॉक्टरों का कहना है कि सर्दी बढऩे से इन मरीजों की संख्या और बढ़ेगी। ठंड के मौसम में उच्च रक्तचाप, श्वांस, ब्रेन स्ट्रोक, हृदयाघात तथा ब्रेन हेमरेज की समस्या बढ़ जाती है। इसलिए जरा भी परेशानी महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

बुजुर्गों को सतर्क रहने की ज्यादा जरूरत

ब्रेन हेमरेज या स्ट्रोक की परेशानी वैसे तो हर उम्र के लोगों में हो सकती है। लेकिन देखने में आ रहा है कि 55 साल से अधिक उम्र के लोगों को इस तरह की समस्या ज्यादा होती है। अभी तक अस्पतालों में युवा मरीज कम ही आए हैं। वहीं बीपी और शुगर के मरीजों को भी संभलकर रहने की जरूरत है।

व्यायाम करें, धूम्रपान छोड़ें

ताजे फल और सब्जियां खाएं। ये हृदय और रक्त वाहिकाओं के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं। नमक का सेवन सीमित करें। सप्ताह में कम से कम 150 मिनट तेज चलना, दौडऩा या साइकिल चलाना स्ट्रोक के जोखिम को कम कर सकता है। धूम्रपान को छोडऩे से रक्तचाप में सुधार और रक्त वाहिकाओं की सेहत बेहतर होती है। शराब का अत्यधिक सेवन उच्च रक्तचाप और हेमोरेजिक स्ट्रोक का खतरा बढ़ाता है। उच्च रक्तचाप का प्रबंधन दवाओं और जीवनशैली में बदलावों के जरिए करें। मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल की जांच करें और इसे नियंत्रित करने के लिए दवाएं और आहार में बदलाव करें। वजन नियंत्रित रखें। मोटापे से उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है, जो स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ाता है। योग, ध्यान और अन्य तनाव-नियंत्रण तकनीकों का अभ्यास करें। हर रात 7-8 घंटे की पर्याप्त नींद लें। हृदय रोग, मधुमेह, और उच्च रक्तचाप के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं। समय पर इलाज और प्रबंधन से स्ट्रोक का खतरा कम हो सकता है।

ब्रेन हेमरेज क्या है और कैसे होता है

मस्तिष्क में ब्लीडिंग की स्थिति को ब्रेन हैमरेज कहा जाता है। इसका बड़ा कारण मस्तिष्क या उसके आसपास के टिश्यू को आपूर्ति करने वाली ब्लड आर्टरी (रक्त धमनी) में लीकेज है। चूंकि मस्तिष्क की संरचना ऐसी है कि वह खुद से ऑक्सीजन और पोषण को स्टोर नहीं कर सकता। इसके लिए वह रक्त धमनियों के नेटवर्क पर निर्भर रहता है। मस्तिष्क में रक्तस्राव होने पर ब्लड वेसल फट जाती हैं और मस्तिष्क में रक्त भर जाता है। इससे मस्तिष्क पर प्रेशर बढ़ता है। यह टिश्यू और सेल्स तक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को पहुंचने से रोक देता है।

ब्रेन हेमरेज या स्ट्रोक के लक्षण

ब्रेन हेमरेज से पहले चेहरा बाद में हाथ-पैर अचानक से सुन्न हो जाते हैं। बोलने या समझने में परेशानी होने लगती है। एक या दोनों आंखों से देखने में परेशानी होने लगती है। कई बार चक्कर आने लगते हैं और शरीर का संतुलन बिगड़ जाता है। चिकित्सकों का कहना है कि सर्दी के मौसम में रक्त धमनियां सिकुड़ जाती हैं। इससे शरीर में खून का संचार कम हो जाता है। इससे क्लॉट बनने का खतरा बढ़ जाता है। इस मौसम में बीपी, शुगर के मरीजों को ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है। बचाव के लिए ठंड से बचें। अगर कोई लक्षण दिखता है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। समय रहते अस्पताल पहुंचने पर मरीज को बचाया जा सकता है।

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