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डायबिटीज जागरूकता के लिए हुई साइकिल रैली और वॉकथान


 मधुमेह जागरूकता शनिवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यालय से शाहपुरा लेक तक साइकिल रैली और वॉकथान का आयोजन किया गया है। रैली में डायबिटीज के लक्षण, बचाव एवं उपचार के बारे में प्ले कार्ड, बैनर्स, पोस्टर्स के माध्यम से जानकारी दी गई।


इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ. प्रभाकर तिवारी, उपसंचालक एनसीडी कार्यक्रम डॉ.नमिता नीलकंठ, डॉ. ज्योति बनवारी सहित बड़ी संख्या में स्वास्थ्यकर्मियों एवं ग्रीन प्लेनेट साइकिलिंग राइडर्स एसोसिशन के साइकलिस्ट ने भाग लिया। जपाईगो, वर्ल्ड डायबिटीज फाउंडेशन एवं रिसॉल्व टू सेव लाइव्स इंडिया द्वारा कार्यक्रम में सहयोग दिया गया। जागरूकता रैली के माध्यम से बताया गया कि डायबिटीज की सही समय पर पहचान कर स्वस्थ जीवन शैली एवं चिकित्सक की सलाह से दवाइयों का नियमित सेवन कर सामान्य जीवन जिया जा सकता है। कमजोरी या थकान महसूस होने, वजन के अचानक कम होने या बढ़ने , तेज भूख लगने, बार-बार पेशाब, बार-बार प्यास लगना, घाव बनने में देरी, धुंधलापन जैसे लक्षण मधुमेह के भी हो सकते हैं। परिवार में पहले से किसी सदस्य को डायबिटीज होने, अनियमित खानपान, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, अधिक वजन होने पर मधुमेह की नियमित जांच करवाया जाना आवश्यक है। इस अवसर पर उप संचालक असंचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम डॉ. नमिता नीलकंठ ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन और वर्ल्ड डायबिटीज फेडरेशन के अनुसार दुनिया भर में 537 मिलियन से ज्यादा वयस्क मधुमेह से पीड़ित है और अनुमान है कि 2045 तक यह संख्या बढ़कर 783 मिलियन हो जाएगी, इसलिए इस बीमारी के में बारे में जागरूकता फैलाना जरूरी है ।


मधुमेह हर तबके को प्रभावित करता है, हालांकि विशेष रूप से निम्न और मध्यम आय वाले देशों में ज्यादा प्रचलित है । जहां मधुमेह से पीड़ित 75% से ज्यादा लोग रहते हैं।


मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ.प्रभाकर तिवारी ने बताया कि प्री डायबिटिक स्टेज को रोकने के लिए हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड जैसे आलू , तरबूज, पाइनएप्पल, सफेद शक्कर, चावल, कॉर्न फ्लेक्स, व्हाइट ब्रेड के सेवन से बचना चाहिए। प्रतिदिन न्यूनतम 40 मिनट का व्यायाम डायबिटीज की संभावना को कम करता है। असंचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत भोपाल जिले में 4 लाख 22 हजार लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है , इनमें से लगभग 60 हजार लोगों में डायबिटीज पाई गई है । जिनका उपचार एवं फॉलोअप स्वास्थ्य संस्थाओं एवं मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से किया जा रहा है । सभी शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में मधुमेह एवं उच्च रक्तचाप की जांच परामर्श एवं दवाइयां नि:शुल्क दी जाती है।



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