राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राजस्थान में ब्रह्मकुमारी संस्थान द्वारा आयोजित वैश्विक शिखर सम्मेलन को संबोधित किया
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि आध्यात्मिकता के माध्यम से न केवल व्यक्तिगत जीवन, बल्कि समाज और धरती मां से जुड़े कई मुद्दों का भी समाधान खोजा जा सकता है। वे आज राजस्थान के आबू रोड स्थित ब्रह्मकुमारी संस्थान में स्वच्छ और स्वस्थ समाज के लिए आध्यात्मिकता पर आयोजित वैश्विक शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि दुनिया के कई हिस्सों में अशांति व्याप्त है और मानवीय मूल्यों में गिरावट आ रही है। इन परिस्थितियों में शांति तथा एकता का महत्व और भी बढ़ गया है। राष्ट्रपति ने कहा कि शांति की आवश्यकता केवल बाहरी तौर पर ही नहीं होती है, बल्कि मानव जीवन की गहराइयों में भी होती है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि आज दुनिया ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरण प्रदूषण के दुष्प्रभाव से जूझ रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में हमारा कर्तव्य है कि हम इन चुनौतियों से निपटने के लिए हर संभव प्रयास करें। राष्ट्रपति ने जोर देते हुए कहा कि इंसानों को यह समझना चाहिए कि वे इस धरती के मालिक नहीं बल्कि ट्रस्टी हैं। उन्होंने सभी से अपनी मां के नाम पर एक पेड लगाने की भारत सरकार की मुहिम से जुड़ने का आह्वान किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि मनुष्य अपने अच्छे कर्मों और विचारों की पवित्रता से बेहतर इंसान बन सकता है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ तथा स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए यह आवश्यक है और सभी परंपराओं में स्वच्छता को महत्व बताया गया है। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने अपने भीतर की पवित्रता के लिए भोजन की शुद्धता पर जोर दिया था। उन्होंने सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे स्वच्छ भोजन मिलेगा। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सरकार स्वच्छ और स्वस्थ समाज के लिए कई प्रयास कर रही है।
राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने भी इस कार्यक्रम को संबोधित किया।
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