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अमानक दवाई मामले की उच्च स्तरीय जांच के साथ दोषियों पर हो कड़ी कार्रवाई : संगीता शर्मा


 सरकारी अस्पतालों में गुणवत्ताहीन दवाओं की सप्लाई करने के मामले में कांग्रेस ने स्वाथ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला से इस्तीफे की मांग करते हुए प्रदेश की जनता की सेहत से खिलवाड़ करने वाले दवाई सप्लायरों और दोषी अफसरों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई करने और उक्त मामले की जांच राज्य के बाहर की किसी उच्च स्तरीय जांच एजेंसी से कराने की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता संगीता शर्मा ने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री और राज्य के मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टार्लेंस की बात तो करते हैं पर यहां तो हर जगह सिर्फ और सिर्फ भ्रष्ट्राचार के अलावा कुछ नजर नहीं आता है। 


संगीता शर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश की जनता इनके नजर में कोई मायने नहीं रखती। 15 दिन में तीसरी बार अमानक दवाओं के इस्तेमाल पर रोक लगना यह बताता है कि भ्रष्टाचार भाजपा सरकार की नस - नस में समाया हुआ है। कांग्रेस प्रवक्ता संगीता शर्मा ने कहा कि जनता के लिए चलने वाली योजनाओं में भ्रष्ट्राचार का साम्राज्य स्थापित करने वाले अब तो प्रदेश की जनता की सेहत से भी खिलवाड़ करने में कोई गुरेज नहीं कर रहे। 


संगीता शर्मा ने कहा कि हाल तो यह है कि सरकारी अस्पतालों में मिलने वाला ओआरएस पाउडर भी ख़राब क्वालिटी का पाया गया। इसके अलावा कैल्शियम और विटामिन डी 3 की टैबलेट अमानक पाई गई है। संगीता शर्मा ने कहा कि बैतूल, देवास और धार में दवाओं की लैब टेस्टिंग कराने पर सभी दवाइयां फेल पाई गई है। लगभग पूरे प्रदेश में सरकारी अस्पतालों में वितरित की गई दवाएं अमानक स्तर की है। कांग्रेस प्रवक्ता संगीता शर्मा ने कहा कि प्रदेश स्तर पर इतने बड़े पैमाने पर अमानक दवाई की सप्लाई बिना सरकार में शामिल लोगों की सहमति से संभव नहीं है। इसलिए मुख्यमंत्री डा मोहन यादव को मामले की निष्पक्ष जांच के लिए तुरंत स्वास्थ मंत्री और उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर देना चाहिए।  उन्होंने कहा की इसके अलावा इस बड़े घोटाले की जांच सीबीआई या किसी उच्च स्तरीय जांच एजेंसी से करानी चाहिए ताकि जनता की सेहत से खिलवाड़ करने वाले दोषियों पर कठोर कार्रवाई हो सके।


कांग्रेस प्रवक्ता संगीता शर्मा ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में इन दवाओं के इस्तेमाल पर रोक का निर्देश भले दे दिया गया है पर इतने बड़े पैमाने पर अमानक दवाई वितरण में सरकारी तंत्र क्या कर रहा था। उन्होंने कहा कि 9 अगस्त को कई जीवन रक्षक इंजेक्शन समेत कुल 9 दवाओं के लॉट के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। संगीता शर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ कॉर्पोरेशन ने सभी जिलों के डीन, सीएमएचओ, और अस्पताल अधीक्षकों को पत्र जारी कर इन दवाओं के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में संगठित भ्रष्ट्राचार का इसे बड़ा उदाहरण और क्या होगा। सरकार तत्काल इस पर कार्रवाई करे क्योंकि कांग्रेस प्रदेश की जनता की सेहत से खिलवाड़ नहीं करने देगी।

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