अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की समन्वयक मप्र प्रभारी सुनीता गावंडे के मुख्य आतिथ्य में आज मध्यप्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष विभा पटेल के नेतृत्व में मप्र कांग्रेस कमेटी के सभागार में महिला कांग्रेस का 40 वां स्थापना दिवस मनाया गया। इस अवसर पर अखिल भारतीय महिला कांग्रेस द्वारा प्रारंभ किये गये सदस्यता अभियान के तारतम्य में मप्र महिला कांग्रेस द्वारा भी सदस्यता अभियान प्रारंभ किया गया। साथ ही सदस्यता अभियान के लिए एक वेबसाइट भी महिला कांग्रेस द्वारा लॉंच की गई। सदस्यता अभियान पूरे देश भर में आज से प्रारंभ हुई है। इसके तहत महिलाओं को सदस्य बनने के लिए 100 रूपये सदस्यता शुल्क निर्धारित किया गया जो ऑनलाईन प्रक्रिया के तहत सदस्य बनने पर राशि भी ऑनलाईन ही जमा की जायेगी।
इस अवसर पर अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा ने कांग्रेस कार्यालय में लगे प्रोजेक्टर के माध्यम से महिलाओं को सदस्यता अभियान में भागीदारी सुनिश्चित करने का संदेश दिया। अभा महिला कांग्रेस की महामंत्री और मप्र प्रभारी सुनीता गावंडे की उपस्थिति में महिला कांग्रेस नेत्रियों द्वारा स्थापना दिवस के मौके पर नारी न्याय और महिला सशक्तिकरण का संकल्प दोहराया गया।
मप्र महिला कांग्रेस की अध्यक्ष विभा पटेल ने कहा कि आज मप्र में भी महिला कांग्रेस द्वारा वेबसाईट लॉच कर सदस्यता अभियान की शुरुआत की गई। इस माध्यम से हर वर्ग की महिलाएं पांच वर्ष के लिए महिला कांग्रेस की सदस्य बनायी जायेंगी। उन्होंने कहा कि यह सदस्यता अभियान प्रदेश से लेकर हर जिलों, ब्लाकों को बूथ स्तर तक चलाया जायेगा। प्रत्येक महिला को पचांस सदस्य बनाने के लिए कहा गया। वहीं सदस्यता में पारदर्शिता के लिए भी प्रावधान दिये गये हैं, जिससे महिलाओं का आत्म सम्मान बना रहेगा। ऑनलाईन सदस्य बनने के बाद तत्काल उसे प्रमाण पत्र भी ऑनलाईन ही प्राप्त हो जायेगा। वहीं मध्यप्रदेश से अधिक से अधिक सदस्य बनाये जाने की बात कहीं।
विभा पटेल ने कहा कि संविधान का (106 वां) संशोधन अधिनियम जो महिलाओं के प्रति भाजपा के विश्वासघात का प्रतीक है। इस संशोधन अधिनियम में कुटिल प्रावधान हैं, जो लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में सीटों के आरक्षण को 2029 के बाद ही लागू होंगे। महिला कांग्रेस इन कुटिल प्रावधानों को हटाने और संशोधन अधिनियम को तुरंत लागू करने की मांग सरकार से की जायेगी। वहीं उच्चपदों पर अधिकतम महिलाओं को नियुक्ति मिले, महिलाओं के वेतन में भेदभाव को रोकने के लिए ‘समान काम, समान वेतन’ का सिद्धांत लागू किया जाए, महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 और घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 जैसे महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए बनाए गए कानूनों को सख्ती से लागू किया जाए केंद्र सरकार की आधी (50 प्रतिशत) नौकरियां आरक्षित की जाए, महिलाओं को उनके अधिकारों को लेकर शिक्षित करने और उन्हें कानूनी अधिकार दिलाने आदि मांगों को लेकर हम सरकार को सड़क से सदन तक घेरने का काम करेंगे और अपनी मांगें पूरी करायेंगे।
इस अवसर पर महिला कांग्रेस की पदाधिकारीगण राजलक्षमी नायक, शीतल मालवीय, प्रतिभा तोमर, राशिदा मुस्तफा, महक राणा, तला देवरे, मीना वर्मा, राजकुमारी गुर्जर गीता जाटव सहित बड़ी संख्या में महिला कांग्रेस की पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थीं।
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