ग्वालियर में हथकरघा से तैयार उत्पादों की देशभर में मांग
ग्वालियर में हथकरघा (हैंडलूम) का बाजार भी तेजी से बढ़ रहा है। शहर में हथकरघा बड़ी इकाई भी हैं। जिससे करोड़ों का कारोबार होता है। शहर में हथकरघा से तैयार उत्पादों की देशभर में काफी मांग है। इतना ही नहीं हमारे यहां के उत्पाद विदेश तक अपनी पहुंच बना चुके हैं। यही वजह है कि सालाना कारोबार दो करोड़ से अधिक का है। तानसेन नगर स्थित औद्योगिक क्षेत्र में तैयार होने वाले हथकरघा चादर श्रीलंका तक पहुंच चुके हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान तक इनकी जबरदस्त मांग है।
हथकरघा से बनी दरी, सोफा सेट भी महाराष्ट्र गुजरात, राजस्थान के साथ देश भर में पहुंचते हैं। शहर में सिकंदर कंपू, आपागंज, लक्ष्मीगंज, राममंदिर, गदाईपुरा में इनके केन्द्र हैं। जहां न केवल उत्पादों की विभिन्न वैरायटी तैयार होती हैं बल्कि सैकड़ों लोगों को राेजगार भी मिलता है।
शहर में यूं तो देश के तमाम शहरों में बनने वाले हथकरघा के उत्पाद आते हैं, लेकिन हमारे यहां के उत्पाद भी देशभर में धूम मचाए हुए हैं। हथकरघा उत्पाद लोगों की पसंद बनते जा रहे हैं इसलिए इनकी खासी बिक्री भी हो जाती है। हथकरघा से बने केवल कपड़े ही नहीं बल्कि दरी, चादर, पर्दे आदि का भी बढ़ा कारोबार है।
शहर में हथकरघा के रजिस्टर्ड केन्द्र तीस हैं। इनमें से दस कार्यशील हैं। इन कार्यशील केन्द्रों पर ही इतने उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं जिनकी देश भर में मांग है। इसके साथ ही हैंडलूम की चालीस इकाई हैं। कारोबारी बताते हैं कि त्यौहारी सीजन में हथकरघा उत्पादों की मांग ज्यादा बढ़ जाती है। बिक्री का स्तर भी काफी उम्मीद से ज्यादा हो जाता है।
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