गत वर्ष नवंबर में संपन्न मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में भाजपा को बहुमत मिलने के बाद पार्टी हाईकमान ने इन तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालने के लिए जिन तीन नये चेहरों का चयन किया था। उनमें मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में मात्र आठ महीनों में ही अपने दोनों समकक्षों से काफी आगे निकल गए हैं और हाल में ही उनकी सरकार ने राज्य की छात्राओं के हित में एक ऐसा अनूठा काम किया है जिसके लिए वैश्विक संगठन संयुक्त राष्ट्र संघ की ईकाई यूनीसेफ ने भी उनकी प्रशंसा की है। मुख्यमंत्री ने विगत 11 अगस्त को जब प्रदेश की छात्राओं को सेनेटरी नेपकिन की निःशुल्क उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सिंगल क्लिक के माध्यम से प्रत्येक छात्रा के खाते में तीन सौ रुपए की राशि ट्रांसफर की तो मध्यप्रदेश देश में इस तरह की योजना की प्रारंभ करने वाला पहला राज्य बन गया था जिसने यूनीसेफ का भी ध्यान आकर्षित किया और मध्यप्रदेश सरकार की इस अभिनव योजना के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव यूनीसेफ से सराहना अर्जित करने के हकदार बन गए। यहां इस बात को विशेष रूप से रेखांकित किया जाना चाहिए कि मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने इस तरह की एक योजना की शुरुआत करने की घोषणा लगभग दस वर्ष पूर्व की थी। परन्तु किन्हीं कारणों से उस पर अमल नहीं हो पाया परन्तु मुख्यमंत्री पद की बागडोर संभालने के बाद डॉ मोहन यादव ने छात्राओं के स्वास्थ्य सुरक्षा और हाइजीन के लिए मध्यप्रदेश में इस योजना को जल्द से जल्द प्रारंभ करने की पहल की और 11 अगस्त को स्वयं अपने हाथों से 19 लाख छात्राओं के खाते में 57 करोड़ रुपए की राशि अंतरित की। इस अभिनव योजना के लिए किसी विलंब के मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार की तारीफ के लिए आगे आया यूनीसेफ अर्थात संयुक्त राष्ट्र बाल कोष लगभग 200 देशों में बच्चों की जिंदगियां बचाने, उनके अधिकारों की रक्षा करने एवं बचपन से लेकर किशोरावस्था तक उनकी आवश्यकताओं को पूरा करने में उनकी मदद करता है। भारत में यूनीसेफ ने लगभग सात दशक पूर्व अपना कार्य प्रारंभ किया था जिसका निरंतर विस्तार होता रहा है। ऐसे अंतर्राष्ट्रीय संगठन ने जिस तरह से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की सराहना की है वह मध्यप्रदेश की जनता के लिए निश्चित रूप से गौरव का विषय है। विशेष बात तो यह है कि मात्र आठ माहों में ही केंद्र सरकार और अब यूनीसेफ तक को अपनी सर्वजन हिताय योजनाओं का मुरीद बना बना लेने में सफल मुख्यमंत्री मोहन यादव आज भी उतने सहज सरल और विनम्र दिखाई देते हैं जितना वे राजनीति में प्रवेश करने के पूर्व हुआ करते थे। छात्राओं के लिए सेनीटेशन और हाइजीन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश में प्रारंभ आर्थिक प्रोत्साहन योजना की यूनीसेफ द्वारा किए जाने पर मुख्यमंत्री ने आभार व्यक्त करते हुए एक्स पर लिखा कि मध्यप्रदेश के किशोरों और बच्चों के लिए हमारे प्रयासों को विश्व स्तर पर मान्यता देने के लिए यूनिसेफ इंडिया का धन्यवाद।
यहां यह भी विशेष उल्लेखनीय है कि यूनिसेफ ने मोहन यादव सरकार द्वारा छात्राओं के लिए प्रारंभ जिस आर्थिक प्रोत्साहन योजना की सराहना की है उसके लिए तो मुख्यमंत्री मोहन यादव निश्चित रूप से भूरि प्रशंसा के अधिकारी हैं उसके अलावा भी गत आठ माहों में मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश में महिलाओं और बेटियों के शिक्षा, सुरक्षा, सम्मान और गरिमा सुनिश्चित करने के लिए जो पहल की उसने देश भर में मध्यप्रदेश की अलग पहचान बनाई है। 11 अगस्त को भोपाल में छात्राओं के संवाद एवं सम्मान कार्यक्रम में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के मंच से मुख्यमंत्री ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में रानी दुर्गावती और रानी अहिल्याबाई के अप्रतिम साहस और शौर्य का उल्लेख करते हुए उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश में बेटियों और महिलाओं की उन्नति और सशक्तिकरण के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता भी व्यक्त की । गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने इसी महीने 10 अगस्त को लाडली बहना योजना के अंतर्गत महिलाओं के खाते में 1250 रु एवं रक्षा बंधन के तोहफे के 250 रु की राशि अंतरित की थी। बेटियों की शिक्षा, रोजगार, विवाह के लिए पहले से जारी योजनाओं के अलावा अब मुख्यमंत्री ने लाडली बहिनों के लिए सरकार की ओर से आवासीय पट्टे उपलब्ध कराने की घोषणा भी की है।
नोट - लेखक राजनैतिक विश्लेषक है।
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