रायबरेली और अमेठी लोकसभा चुनाव में फर्जी वोटिंग की आशंका
सलोन क्षेत्र में फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे नई बातें भी निकलकर सामने आ रही हैं। वर्ष 2024 में रायबरेली व अमेठी जिले में हुए लोकसभा चुनाव में फर्जी वोटिंग की आशंका भी जताई जा रही है। फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के जरिए मतदाता पहचानपत्र, राशन कार्ड, आधार कार्ड समेत अन्य दस्तावेज बनाने की बात सामने आ रही है।
यूपी एटीएस इस बिंदु की जांच करते हुए पता लगाने का प्रयास कर रही है कि कहीं फर्जी दस्तावेज के जरिए बाहरी लोगों ने दोनों जिलों में वोटिंग तो नहीं की है। अब तक की पुलिस जांच में इस बात की भी पुष्टि हुई है कि आरोपी सीएससी संचालक जीशान व वीडीओ विजय सिंह यादव ने नुरुद्दीनपुर, गोपालपुर, लउरेपुर, गढ़ी इस्लामनगर के रहने वाले उन लोगों के नाम से दोबारा जन्म प्रमाणपत्र जारी कर दिया है, जिनके पहले से ही प्रमाणपत्र बने थे।
पुलिस के सवाल पर वे लोग हैरान हैं कि उनके नाम से दोबारा जन्म प्रमाणपत्र कैसे बन गए। अपर पुलिस अधीक्षक नवीन कुमार सिंह के अनुसार पूरे प्रकरण की जांच चल रही है। रिपोर्ट तैयार होने के बाद ही असल बात सामने आएगी। फिलहाल पुलिस सभी बिंदुओं की पड़ताल कर रही है।
फर्जी दस्तावेज के जरिए ले ली सम्मान निधि
जिले में फर्जी दस्तावेज से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने की बात भी सामने आई है। योजना के तहत हर साल केंद्र सरकार पात्र किसानों के खाते में छह हजार रुपये भेजती है। सलोन विधायक अशोक कुमार के अनुसार कई गांवों में फर्जी तरीके से सम्मान निधि का लाभ लेने की बात सामने आई है। मामले में उप कृषि निदेशक विनोद शर्मा का कहना है कि कोई भी फर्जी दस्तावेज तैयार कर निधि का लाभ ले सकता है, क्योंकि योजना का लाभ पाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किए जाते हैं।
एटीएस तैयार, अधिकारियों के आदेश का इंतजार
मामले की विवेचना यूपी एटीएस अपने हाथों में लेने के लिए तैयार है। पुलिस सूत्रों का दावा है कि वैसे तो एटीएस इस प्रकरण की जांच कर रही है, लेकिन विवेचना सलोन कोतवाली में तैनात अपराध निरीक्षक आदर्श कुमार सिंह को दी गई है। एटीएस को विवेचना सौंपने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। अब उच्चाधिकारियों के आदेश का इंतजार है।
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