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संसद की पवित्रता हमेशा बनी रहनी चाहिए : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

 नई दिल्ली : सोमवार, जुलाई 22, 2024/ संसद के बजट सत्र, 2024 की शुरुआत से पहले कल केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सभी राजनीतिक दलों के सदन के नेताओं के साथ सरकार की बैठक हुई। रक्षा मंत्री ने 18वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद के दोनों सदनों के नेताओं की पहली बैठक में सभी का स्वागत किया।


अपने शुरुआती भाषण में, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री, किरेन रिजिजू ने बताया कि संसद का बजट सत्र सोमवार, 22 जुलाई, 2024 को शुरू होगा और गवर्नमेंट बिजनेस की अत्यावश्यकताओं के अधीन, सत्र सोमवार, 12 अगस्त 2024 को समाप्त हो सकता है। सत्र में 22 दिनों की अवधि में 16 बैठकें होंगी। मंत्री ने यह भी बताया कि यह सत्र मुख्य रूप से 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट से संबंधित फाइनेंशियल बिजनेस के लिए समर्पित होगा, जिसे मंगलवार, 23 जुलाई, 2024 को लोकसभा में प्रस्तुत किया जाएगा। आवश्यक विधायी और अन्य जरूरी कामकाज भी सत्र के दौरान किए जाएंगे। भारत का आर्थिक सर्वेक्षण सोमवार, 22 जुलाई, 2024 को संसद के पटल पर रखा जाएगा। 2024 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर का बजट भी 23 जुलाई, 2024 को प्रस्तुत किया जाएगा। अस्थायी रूप से इस सत्र के दौरान उठाए जाने वाले विधायी कार्य के 6 विषय और वित्तीत कार्य के 3 विषय की पहचान की गई है।


केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री ने आगे कहा कि सरकार संबंधित पीठासीन अधिकारियों द्वारा प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों के तहत अनुमति के अनुसार किसी भी मुद्दे पर सदन के पटल पर चर्चा करने के लिए हमेशा तैयार है। उन्होंने संसद के दोनों सदनों के सुचारू कामकाज के लिए सभी दलों के नेताओं से सक्रिय सहयोग और समर्थन का भी अनुरोध किया। बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण और रसायन और उर्वरक मंत्रालय के मंत्री जगत प्रकाश नड्डा भी शामिल हुए, जो राज्यसभा में सदन के नेता, कानून और न्याय मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी हैं। इनके अलावा संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री, अर्जुन राम मेघवाल और संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री और सूचना और प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्री, डॉ. एल. मुरुगन भी इस बैठक में शामिल हुए।


बैठक का समापन करते हुए, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक में उठाए गए महत्वपूर्ण मुद्दों की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए सभी नेताओं को धन्यवाद दिया, जिनका ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि हमें अपनी कार्यवाही के दौरान संसद की पवित्रता बनाए रखनी चाहिए। सरकार संसद के संबंधित सदनों के नियमों और संबंधित पीठासीन अधिकारियों के निर्णयों के अधीन इन सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।




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