....

Parvati-Kalisindh-Chambal Project:पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना, MP के 13 जिलों को होंगे ये फायदे



भोपाल। रविवार को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की उपस्थिति में मध्यप्रदेश, राजस्थान और केंद्र सरकार के बीच पार्वती, कालीसिंध और चंबल परियोजना को लेकर एमओयू साइन किया गया। जिसके तहत अब एकीकृत पार्वती, कालीसिंध और चंबल-ईआरसीपी लिंक परियोजना का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन बनाया जाएगा। जिससे मध्‍य प्रदेश में सात सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण होगा। साथ ही 13 जिलों में 3.37 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा भी मिलेगी।




डबल इंजन की सरकार


सफल होते मध्यप्रदेश सरकार के प्रयास


संशोधित पार्वती - कालीसिंध - चंबल लिंक परियोजना के त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हुए हस्ताक्षर।



पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना पिछले दो दशकों से विवादित और लंबित है। रविवार को त्रिपक्षीय एमओयू साइन होते ही इस विवाद का पटाक्षेप हो गया है और अब इस परियोजना को मूर्त रूप भी दिया जा सकेगा।



बता दे कि इस परियोजना के शुरू होने से चंबल और मालवा के 13 जिले लाभान्वित होंगे। जहां ड्राई बेल्ट के मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, भिंड और श्योपुर में पानी की उपलब्धता बढ़ेगी, तो वहीं औद्योगिक बेल्ट वाले इंदौर, उज्जैन, धार, आगर-मालवा, शाजापुर, देवास और राजगढ़ के औद्योगीकरण को गति मिलेगी। परियोजना से प्रदेश की 1.5 करोड़ आबादी को फायदा पहुंचेगा।




पांच साल में दिया जाएगा मूर्त रूप


पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना को पांच साल में मूर्त रूप दे दिया जाएगा। फिलहाल इसकी लागत 75 हजार करोड़ रुपये है। परियोजना के शुरू होने से मालवा और चंबल अंचलो में तीन लाख हेक्टेयर का सिंचाई रकबा बढ़ेगा। जिससे धार्मिक और पर्यटन केंद्र के विकास की भी उम्मीद है।



राजस्‍थान के 26 जिलों को फायदा

पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना का फायदा राजस्थान के 26 जिलों को पहुंचेगा। जिससे 5.60 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी और बांधों और बड़े तालाबों में पानी का संचय किया जा सकेगा।


यह था विवाद


दरअसल, ईस्ट राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) के लिए बांध बनाने व पानी बंटवारे को लेकर मध्‍य प्रदेश और राजस्थान के बीच विवाद हो गया था। राजस्थान सरकार का आरोप था कि 2005 में हुए समझौते के अनुसार ही बांध बनना था, लेकिन मप्र सरकार ने ईआरसीपी के लिए एनओसी नहीं दी। ऐसे में राजस्थान सरकार ने स्वयं के खर्च पर ईआरसीपी को पूरा करने का निर्णय लिया और बांध बनना शुरू हुआ तो मध्‍य प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगा दी थी।

Share on Google Plus

click News India Host

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment