....

भोपाल में झमाझम, जबलपुर और इंदौर में शनिवार को बारिश के आसार



भोपाल। झारखंड के आसपास बना कम दबाव का क्षेत्र कमजोर पड़ने के बाद हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में मौजूद है। मानसून ट्रफ मध्य प्रदेश से होकर बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक इन मौसम प्रणालियों के असर से लगातार नमी आ रही है। उधर, दिन का तापमान बढ़ा रहने के कारण प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर स्थानीय स्तर पर गरज-चमक के साथ वर्षा हो रही है।



जबलपुर, नर्मदापुरम एवं इंदौर संभाग वर्षा होने के आसार

शनिवार को जबलपुर, नर्मदापुरम एवं इंदौर संभाग के जिलों में वर्षा होने के आसार हैं। उधर, शुक्रवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक भोपाल में 43, मंडला में 33, बैतूल में 24, नौगांव में 17, मलाजखंड में 12, खंडवा में चार मिलीमीटर वर्षा हुई। गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात सीहोर में 107, मलाजखंड में 99.2, भोपाल में 69.4, नर्मदापुरम में 54.4, खरगोन में 50, बैतूल में 38.4 मिलीमीटर वर्षा हुई।


सीहोर एवं भोपाल में भारी वर्षा होने के कारण राजधानी के आसपास शुक्रवार सुबह बाढ़ के हालात बन गए थे। बाणगंगा नदी का पानी ईंटखेड़ी में पुल से ऊपर बहने लगा था। पातरा नदी भी जगदीशपुर के पास पुल के ऊपर से बहने लगी थी।



झारखंड के आसपास बना कम दबाव का क्षेत्र

मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी अभिजीत चक्रवर्ती ने बताया कि झारखंड के आसपास बना कम दबाव का क्षेत्र कमजोर पड़कर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में परिवर्तित हो गया है। इसके बिहार की तरफ बढ़ने की संभावना है। मानसून द्रोणिका जैसलमेर, कोटा, गुना, सतना से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक जा रही है।


मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वातावरण में बड़े पैमाने पर नमी मौजूद है। तापमान बढ़ने पर स्थानीय स्तर पर बादल बनने से प्रदेश के अधिकतर जिलों में गरज-चमक के साथ वर्षा हो रही है। एक प्रति चक्रवात के बनने से 25 सितंबर से राजस्थान के पश्चिमी क्षेत्र से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी की शुरुआत होने के भी आसार हैं।


छह जिलों में अब भी सामान्य से कम वर्षा


सितंबर में प्रदेश के अधिकतर जिलों में हुई झमाझम वर्षा के कारण सूखे का खतरा टल गया है। इस सीजन में एक जून से लेकर शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे तक मप्र में 921.3 मिमी. वर्षा हो चुकी है, जो सामान्य वर्षा (927.5 मिमी.) की तुलना में सिर्फ एक प्रतिशत कम है।


उधर, पांच सितंबर को प्रदेश के 52 में से 22 जिलों में सामान्य से काफी कम वर्षा की स्थिति बनी हुई थी। 22 सितंबर तक सिर्फ छह जिलों सीधी, रीवा, सतना, दमोह, अशोकनगर एवं गुना में 23 से लेकर 37 प्रतिशत तक कम वर्षा हुई है।

Share on Google Plus

click News India Host

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment