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मुख्यमंत्री ने स्व-सहायता समूह के प्रशिक्षणार्थियों से चर्चा की

 

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि सुखी रहने के लिए स्वस्थ और सुपोषित रहना बहुत जरूरी है। माता-बहनों और उनके परिवार को सुखी रखना हमारा दायित्व है। आजीविका मिशन इस दिशा में बहनों को स्व-सहायता समूहों से जोड़ कर उल्लेखनीय भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 17 हजार बहनें पंच-सरपंच और अन्य जन-प्रतिनिधियों के रूप में चुनी गई हैं। मुख्यमंत्री चौहान निवास कार्यालय समत्व भवन में मंदसौर, नीमच और बुरहानपुर जिले के स्व-सहायता समूह की प्रशिक्षणार्थियों से चर्चा कर रहे थे।



मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अगर बहनें आर्थिक रूप से सक्षम होंगी तो घर में भी उनकी इज्जत बढ़ेगी। प्रदेश में महिलाओं के प्रति समाज का दृष्टिकोण बदला है। राज्य सरकार समाज में बदलाव, उन्नति और विकास के लिए कमी नहीं छोड़ेगी। बहनों का पोषण का स्तर सुधारने के लिए अनेक प्रयास किए गए हैं। बैगा, भारिया और सहरिया जनजाति की बहनों को सरकार मदद कर ही रही है। अब एक और नई "लाड़ली बहना" योजना बनाई गई है। इस योजना में 5 मार्च से आवेदन भरे जाएंगे और जून से बहनों को एक-एक हजार रूपए प्रतिमाह मिलेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बहनों और उनके परिवार की जिंदगी बदलने के लिए ऐसी अनेक योजनाएँ प्रदेश में संचालित हैं। किसानों को सम्मान निधि दी जा रही है। आजीविका मिशन से लाभ उठायें और अपना काम चुनौतीपूर्वक करें। उन्होंने कहा कि सावधानी से जीवन जिये। स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता रखें और दूसरों को भी जागरूक करें। शासन की योजनाओं का प्रचार-प्रसार भी करें। जनता में सकरात्मक वातावरण बनाने के लिए जिम्मेदारी से कार्य करें।

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