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एनीमिया से बचाव के लिए महिलाओं और बच्चो की खुराक पर ध्यान देना जरूरी

एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत आयरन के सेवन के प्रति जागरूकता एवं उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। अभियान के तहत 6 माह की उम्र के बाद से आयरन की खुराक प्रदान की जाती है। आयरन की कमी से होने वाली समस्याओं को कई बार चिकित्सक भी नहीं समझ पाते हैं। जबकि यह समस्याएं नियमित रूप से आयरन के सेवन से दूर की जा सकती हैं ।


मुख्य चिकित्सा स्वास्थ अधिकारी प्रभाकर तिवारी ने बताया की एनएफएचएस 5 के सर्वे के अनुसार 72% बच्चे जबकि 58% किशोर बालक बालिका एनीमिया से पीड़ित है। 52 प्रतिशत  गर्भवती महिलाएं एनीमिया से ग्रस्त होती हैं। इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग एवं शिक्षा विभाग द्वारा किया जा रहा है महिला एवं बाल विकास द्वारा समन्वित रूप से कार्य किया जा रहा है । महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनवाड़ी केंद्रों एवं शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में आयरन की खुराक का सेवन करवाया जाता है।

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