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मध्‍य प्रदेश में अब औद्योगिक क्षेत्र के ई-नीलामी से मिलेंगे भूखंड

 प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार अब निवेशकों को अधिक सुविधा उपलब्ध कराएगी। औद्योगिक क्षेत्र में भूखंड पहले आओ-पहले पाओ की जब अब ई-नीलामी के माध्यम से आवंटित किए जाएंगे। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और प्रतिस्पर्धा होने से सरकार को राजस्व भी अधिक प्राप्त होगा। बंद इकाइयों को भूखंड लौटाने, कुछ हिस्से के हस्तांतरण करने और भूखंड के विभाजन की सुविधा भी दी जाएगी। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में मध्य प्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2019 में संशोधन प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई।


औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए औद्योगिक क्षेत्र विकसित करके भूखंड उपलब्ध कराए जा रहे हैं। 83 औद्योगिक क्षेत्रों में 31 हजार 402 एकड़ भूमि पर विकसित किए गए हैं। आवंटन के लिए 20 हजार 536 एकड़ भूमि में से 14 हजार 887 दी जा चुकी है। शेष भूमि का आवंटन कुछ क्षेत्रों में मांग कम होने और एकमुश्त भुगतान की व्यवस्था है।

इसे देखते हुए एकमुश्त की जगह किस्तों में भुगतान की सुविधा देने का निर्णय लिया है। साथ ही पहले आओ-पहले पाओ की जगह ई-नीलामी के माध्यम से आवंटन किया जाएगा ताकि सभी को मौका मिल सके। प्रक्रिया में पारदर्शिता रहेगी और प्रतिस्पर्धा भी होगी, जिससे सरकार को राजस्व अधिक प्राप्त होने की संभावना है।

कई इकाइयां आवंटित भूखंड का पूरा उपयोग नहीं करती हैं। ऐसी इकाइयां, जो उत्पादन प्रारंभ होने के पांच वर्ष के भीतर भूमि का पूरा उपयोग नहीं करती हैं, उनका पट्टा निरस्त करके अधिपत्य लिया जा सकेगा। भूखंड के हस्तांतरण और विभाजन की सुविधा भी अब दी जाएगी। इसके लिए मूल इकाई को सभी न्यायालयीन प्रकरण वापस लेने होंगे और सभी शासकीय विभागों का बकाया चुकाना होगा। बंद हो चुकी इकाइयों को भूखंड लौटाने की सुविधा भी मिलेगी। इसमें इकाइयों को प्रब्याजी के साथ विकास शुल्क वापस किया जाएगा।

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