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शिवराज सरकार ने मांगे जनता से सुझाव ताकि सरकारी योजनाओं का हो प्रभावी क्रियान्वयन

भोपाल । सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में आने वाली परेशानियों को दूर करने और उन्हें प्रभावी बनाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनता से सुझाव मांगे हैं। इसमें प्रधानमंत्री आवास के लिए सस्ती दर पर आसानी से रेत उपलब्ध कराने के लिए कई व्यक्तियों ने सुझाव दिए हैं। रेत के डिपो खोलने, खदान क्षेत्रों में निश्शुल्क रेत उपलब्ध कराने, जनपद स्तर पर रेत का प्रबंध करने के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास के लिए निर्धारित राशि एक लाख बीस हजार रुपये बढ़ाने का सुझाव दिया है। 25 मार्च तक प्राप्त होने वाले सुझावों पर मंत्री समूह विचार करके तय करेगा कि किस तरह सस्ती दर पर आसानी से रेत उपलब्ध कराई जा सकती है। नई व्यवस्था अप्रैल से लागू की जा सकती है।



मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरकार के निर्णयों में जनता की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न् योजनाओं को लेकर सुझाव मांगे हैं। प्रदेश में रेत खदानें ठेके पर दी जा चुकी हैं। एक प्रधानमंत्री आवास बनाने में दो से तीन ट्राली रेत लगती है। यह 15 से 20 हजार रुपये में मिलती है। काफी समय से रेत को सस्ती दर पर आसानी से उपलब्ध कराने की मांग उठ रही है।

इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री ने मंत्री समूह का गठन किया है, जो जनता से प्राप्त होने वाले सुझावों का परीक्षण करने के बाद अनुशंसा करेगा। अभी तक मुख्यमंत्री सचिवालय को जो सुझाव प्राप्त हुए हैं, उसमें ग्राम पंचायत में मौजूद नदी व नालों की रेत निश्शुल्क देने, आवास हितग्राही को दो ट्राली रेत उत्खनन करने की अनुमति देने का सुझाव प्रमुख है।

जितेंद्र ओझा ने एक आवास में लगने वाली रेत की दर तय करके हितग्राही को राशि की प्रतिपूर्ति करने और जनपद या जिला पंचायत के माध्यम से हितग्राही को उचित मूल्य पर रेत देने की व्यवस्था बनाने की बात रखी है। बृजेंद्र सिंह कुशवाहा ने स्थानीय निकाय की सहमति से उपभोक्ता को कम रायल्टी लेकर रेत देने, रविशंकर कुशवाहा ने रेत के साथ-साथ लोहा की दर तय करने का सुझाव दिया है। ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास की राशि में वृद्धि की जाए।

अश्विन चंदेल ने रेत की दर तय करने और संजय मीना ने रेत की लागत का भुगतान हितग्राहियों को करने का सुझाव दिया है। सूत्रों का कहना है कि सरकार विचार कर रही है कि हितग्राहियों को रेत के लिए एक निश्चित राशि का भुगतान कर दिया जाए। इस पर 26 और 27 मार्च को पचमढ़ी में होेने वाले मंत्रिमंडल के दो दिवसीय चिंतन में विचार करके निर्णय लिया जाएगा।

कन्यादान योजना की गड़बड़ी रोकें

मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में गड़बड़ियों को रोकने के लिए ग्राम स्तर पर शिक्षक को शामिल करते हुए समिति बनाने, चयन में पारदर्शिता बढ़ाने और सहयोग राशि सीधे खाते में अंतरित करने की व्यवस्था लागू करने का सुझाव दिया गया है। मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना की शुरुआत बस से करने, जन अभियान परिषद को योजना से जोड़ने और अमरनाथ यात्रा को शामिल करने का सुझाव भी दिया गया है। प्रवीण चौहान ने राशन में होने वाली गड़बड़ी को रोकने के लिए अधिकारियों को भेजकर जांच कराने और एपीएल कार्ड पर राशन देने की व्यवस्था फिर शुरू करने का सुझाव दिया है।

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