देश में एक बार फिर कोविड के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। केंद्र से लेकर राज्य सरकारें तीसरी लहर से बचाव के लिए प्रतिबंधों को बढ़ाना शुरू कर दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया गुरुवार को एम्स दिल्ली पहुंचे। वहां उन्होंने कोरोना से गस्त डॉक्टरों और हेल्थ वर्कर्स से मुलाकात की। एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि मास्क, हाथ धोना, भीड़ से बचना और वैक्सीनेशन महत्वपूर्ण है। घबराएं नहीं, यह एक हल्की बीमारी है, लेकिन सतर्क रहें। वहीं डॉ. सुरेश कुमार ने कहा, जिस तरह से मामले बढ़ रहे हैं, ये एक अलार्मिंग सिग्नल है। पिछले बार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। संक्रमण तेजी से फैल रहा है। राजधानी में पिछले 3-4 दिन से मामले लगातार बढ़ हैं। यह संख्या डबल भी हो सकती है।
कोरोना वायरस पर एक हद तक दुनिया ने काबू पा लिया था। लेकिन इसके नए ओमिक्रोन वैरिएंट ने सबको चिंता में डाल दिया है। ये संस्करण डेल्टा वैरिएंट से भी तेज फैसला है। नए वैरिएंट को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी चेताया है। अब दुनियाभर के वैज्ञानिक ओमिक्रोन के स्टडी पर जुट गए हैं। वहीं लोगों में भी इसे लेकर कई सवाल हैं। आखिर इसके लक्षण, बचाव और पता कैसे चलता है। आइए जानते हैं ओमिक्रोन से जुड़ी सभी महत्वपू्र्ण बातों को यहां।
ओमिक्रोन वैरिएंट के लक्षण
1. ओमिक्रोन से संक्रमिक व्यक्ति को गले में खराब, नाक बहना और सिरदर्द की समस्या होती है।
2. बहुत ज्यादा थकान और कमजोरी महसूस होती है।
3. हल्का बुखार आता है, जो अपने आप ठीक हो जाता है।
4. संक्रमित को बहुत अधिक पसीना आता है।
5. सूखी खांसी की समस्या होती है।
6. गले में जलन और चुभन होता है।
बचाव के लिए क्या करना होगा
1. कोविड के लक्षण दिखें तो तुरंत जांच करवाकर आइसोलेट हो जाएं।
2. संपर्क में आए लोगों को सूचना दें और जांच कराने को कहें।
3. डॉक्टर से संपर्क में रहें।
4. वैक्सीन लगवाएं और दोस्तों और परिजनों को भी लगवाने के लिए कहें।
5. घर से बाहर मास्क पहनकर ही निकलें।
6. भीड़भाड़ वाली जगहों पर नहीं जाएं।
7. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
ओमिक्रोन संक्रमण का पता कैसे चलता है
ओमिक्रोन से संक्रमित है या नहीं। इसका पता आरटी-पीसीआर टेस्ट से चल सकता है। इसमें लार के नमूने को पैथोलॉजी लैब में भेजा जाता है। अगर सिर्फ ये पता करना है कि संक्रमण है या नहीं। इसके लिए रैपिड टेस्ट करवाया जा सकता है। हालांकि इसमें किस वैरिएंट से संक्रमित हैं। इसका पता नहीं चल पता है। ओमिक्रोन की पुष्टि के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग जरूरी है। जिसमें चार से छह दिन लगते हैं।
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