मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि 26 जुलाई से कक्षा 11वीं और 12वीं के लिए स्कूल आरंभ करने के संबंध में अंतिम निर्णय क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियां लेंगी। जिन जिलों में कोरोनावायरस का एक भी प्रकरण नहीं है, वहां शाला संचालन आरंभ किया जा सकता है। परंतु इस संबंध में क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी, जिले के प्रभारी मंत्री, जिला कलेक्टर आपसी विचार-विमर्श कर लोगों को विश्वास में लेकर शालाओं का संचालन आरंभ करें। बिना पालक की अनुमति के बच्चों को स्कूल नहीं बुलाए। बच्चों के स्कूल आने के लिए पालकों की सहमति आवश्यक होगी। मुख्यमंत्री चौहान कोरोना नियंत्रण के संबंध में मंत्रालय में आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री प्रभुराम चौधरी, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान, पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी बैठक में उपस्थित थे। सभी जिलों के प्रभारी मंत्री तथा प्रभारी अधिकारियों ने बैठक में डिजिटली सहभागिता की।
कक्षाओं में कोरोना अनुकूल व्यवहार का पालन आवश्यक
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि 50 प्रतिशत क्षमता के साथ कक्षा ग्यारहवीं और बारहवीं का संचालन 26 जुलाई से आरंभ किया जाए। आरंभ में प्रयोगात्मक रूप से एक-एक दिन शाला लगाई जाए। अगस्त माह के पहले सप्ताह से 50% क्षमता के साथ दो-दो दिन कक्षाएं लगाई जाएं। कक्षा के 50 प्रतिशत विद्यार्थी दो दिन आएं, शेष 50 प्रतिशत अगले दो दिन आएं। इस प्रकार एक सप्ताह में चार दिन स्कूल लगेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कक्षा में एक कुर्सी छोड़कर बैठना, मास्क लगाना, सैनेटाइजर का उपयोग और कोरोना अनुकूल व्यवहार का शत-प्रतिशत पालन आवश्यक होगा।
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