नई दिल्ली ! पीएम नरेंद्र मोदी ने 5 अप्रैल को रात 9 बजे 9
मिनट के लिए लोगों से अपने घरों की बत्ती बुझाकर मोमबत्ती, टॉर्च या मोबाइल
की फ्लैशलाइट जलाने का आग्रह किया है। पीएम के इस आग्रह पर कई लोगों ने आश्चर्य
जताया। कई लोगों का मानना था कि कोरोना जैसी आपदा से इसका क्या लेना-देना। लेकिन
पीएम मोदी की इस अपील का वैज्ञानिक और योग से जुड़ा महत्व है। देश के जाने-माने
हृदय रोग विशेषज्ञ के के अग्रवाल ने इसे बारे में जानकारी दी है।
योग वशिष्ट के चैप्टर 6 पर आधारित है
पीएम की अपील
डॉ अग्रवाल ने बताया कि पीएम की अपील पर अपनी
प्रतक्रिया देते हुए कहा कि ये योग वशिष्ठ के चैप्टर 6 पर आधारित है। 'द
प्रिंसिपल ऑफ कान्शस्निस (सामूहिकता बोध का सिद्धांत) में लोगों की सोच के बारे
में बताया गया है। डॉ अग्रवाल ने कहा कि इस सिद्धांत के अनुसार, जैसा
5 प्रतिशत लोग सोचते हैं, 95 प्रतिशत वैसा ही करते हैं।
सामूहिकता बोध से मिलेगी विजय
उन्होंने कहा कि हमारे शरीर के अंदर संकेत
प्राप्त करने वाले जो रिसेप्टर हैं वह भी कलेक्टिव कान्शस्निस से हील (ठीक) हो
सकती है। उन्होंने कहा कि अगर हम सामूहिक रूप से सोचेंगे कि हमारे शरीर का जो
रिसेप्टर है, उसपर कोरोना वायरस न जमे तो कलेक्टिव
कान्शस्निस यह पक्का करेगा कि ऐसा नहीं हो। क्वांटम सिद्धांत, रितंभरा
सिद्धांत में ये चीजें हैं। इसलिए पीएम मोदी की अपील का सभी को पालन करना चाहिए।
पीएम मोदी ने की थी अपील
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह नौ बजे
देश को एक वीडियो संदेश दिया था। पीएम मोदी ने अपने विडियो संबोधन में कहा कि पांच
अप्रैल (रविवार) की रात नौ बजे नौ मिनट तक अपने घरों की लाइट बंद रखें और इस दौरान
अपने घरों के दरवाजे पर या फिर बालकनी पर आकर रोशनी प्रज्वलित करें। पीएम ने इससे
पहले लोगों से कोरोना वॉरियर्स से लड़ने वाले के लिए लोगों से ताली और थाली बजाने
का आग्रह किया था।
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