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Bhopal नगर निगम बंटवारे पर भाजपा-कांग्रेस में तकरार तेज, BJP सड़कों पर उतर जताएगी विरोध

भोपाल:  दो भागों में भोपाल नगर निगम( Bhopal Municipal Corporation) बांटने के राज्य सरकार के प्रस्ताव पर भाजपा-कांग्रेस में तकरार तेज हो गई है। भाजपा इस प्रस्ताव के विरोध में खुलकर सामने आ गई है और सड़कों पर उतरने की तैयारी हो गई है। गुरुवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अलग-अलग बैठक कर पार्टी पदाधिकारियों और अलग-अलग वर्गों के प्रतिनिधियों से बातचीत के बाद इस फैसले का बड़े स्तर पर विरोध करने का मन बना लिया है। इसकी शुरुआत शनिवार से होगी। इस दौरान भोपाल बंद, हस्ताक्षर अभियान, मशाल जुलूस और व्यापारी क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

भाजपा नेता जिलों से लेकर पंचायतों तक हस्ताक्षऱ अभियान चलाएंगे और इसे राज्यपाल के पास भेजेंगे। इसके साथ ही भाजपा नेता भोपाल नगर निगम( Bhopal Municipal Corporation) को दो हिस्सों में बांटने वाले प्रारूप पर अपनी आपत्ति दर्ज कराने के लिए कलेक्टर कार्यालय जाएंगे। 

वहीं पार्टी को अगर जरूरी लगा तो वो कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएगी। इसके अलावा भाजपा कमलनाथ सरकार के महापौर चुनाव अप्रत्यक्ष( Mayor Election In Madhya Pradesh) तरीके से कराए जाने के फैसले का भी विरोध करेगी।दरअसल, प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने भोपाल नगर निगम को दो हिस्से में बांटने का फैसला किया है। 

इस ड्राफ्ट के तहत शहर को दो हिस्सों पूर्व और पश्चिम में बांटा जाएगा। एक कोलार तो दूसरा भोपाल होगा। इस संबंध में भोपाल कलेक्टर ने एक ड्राफ्ट जारी कर लोगों से दावे-आपत्तियां बुलाई हैं। इसके लिए लोगों को 4 दिन का वक्त मिलेगा। इसके बाद ड्राफ्ट सरकार के पास जाएगा और सरकार से मंजूरी के बाद राज्यपाल लालजी टंडन के पास भेजा जाएगा। राज्यपाल की मुहर लगते ही भोपाल नगर निगम को दो हिस्सों में बांटने का रास्ता साफ हो जाएगा।

इस मसले पर गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान(Shivraj singh chouhan) ने शहर के प्रबुद्ध लोगों के साथ मानस भवन में बैठक की थी। इस दौरान वो कमलनाथ सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि,सरकार पर पहले कोलार तो अब भोपाल को दो भागों में बांटने की सनक सवार हो गई है। कांग्रेस राजनीतिक लाभ के लिए शहर को बांटना चाहती है। हैदराबाद, मुंबई, दिल्ली जैसे शहरों में जनसंख्या 1 करोड़ के करीब है, तब भी वहां ऐसा विभाजन नहीं किया गया जो भोपाल में किया जा रहा है। भोपाल में अभी तक आबादी 25 लाख तक नहीं पहुंची है। बड़ी मुश्किलों से भोपाल को महानगर बनाने की ओर बढ़े थे, लेकिन कांग्रेस सरकार इसे नगर पालिका में बदलना चाहती है।
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