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अध्यापक बने स्कूल शिक्षा विभाग के नियमित शिक्षक ,मिलेंगी सभी तय सुविधाएं



भोपाल। राज्य सरकार ने अध्यापक संवर्ग का स्कूली शिक्षा विभाग में संविलियन करने का फैसला लिया है। प्रदेश के करीब 2 लाख 84 हजार अध्यापकों के लिए एक बड़ी सौगात माना जा रहा है। इसकी मांग वे पिछले 12 सालों से कर रहे थे। आदेश के मुताबिक, अब पूर्व नियमों के अंतर्गत कार्यरत अध्यापक संवर्ग 1 जुलाई 2018 से स्कूल शिक्षा विभाग के सुसंगत पदों पर नियुक्त माने जाएंगे।
संविलियन आदेश जारी,2.84 लाख अध्यापक होंगे लाभान्वित
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक भती नियम 2018 के प्रावधानों के अधीन नियुक्त किए गए शिक्षकों पर मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 तथा मध्यप्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील नियम 1966 के प्रावधान प्रभावशील होंगे। स्कूल शिक्षा विभाग ने इस आशय के आदेश जारी कर दिए हैं। इसके मुताबिक, अध्यापकों को शासकीय सेवकों की तरह सातवें वेतनमान का लाभ मिलेगा। उन्हें शासकीय शिक्षकों की तरह छुट्टियां और अनुकंपा नियुक्ति समेत आवास भत्ता और महंगाई भत्ते का भी लाभ मिलेगा। अब यह अध्यापक शासकीय शिक्षक कहलाएंगे।
12 साल से कर रहे थे मांग
प्रदेश में 12 साल से चली आ रही अध्यापकों की इस मांग को अंतत: कमलनाथ सरकार ने पूरा कर दिया है।  छह माह पहले अध्यापकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात कर उन्हें भी शासकीय शिक्षकों की तरह सुविधाएं, भत्ते और शिक्षक का दर्जा दिए जाने की मांग की थी। उनकी मांग को मानते हुए कमलनाथ सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के आदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी भी कर दिए हैं।
मिलेंगी यह सुविधाएं
आदेश बीते साल की एक जुलाई से लागू माना जाएगा। इन्हें नियमित शिक्षकों की तरह वेतन और सुविधाओं का लाभ मिलेगा। वहीं वे अपना तबादला भी प्रदेश के किसी भी स्थान के लिए करवा सकेंगे।  परिवार को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ  भी मिल सकेगा। सेवा के 12 साल पूरे होने पर क्रमोन्नति व 1 जुलाई 2018 से सातवें वेतनमान का लाभ मिलेगा। समूह बीमा व चिकित्सा प्रतिपूर्ति सुविधा के लिए भी वे पात्र होंगे।

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