एक भारतीय साइबर विशेषज्ञ ने अमेरिका में राजनीतिक शरण की मांग करते हुए दावा किया कि भारत में 2014 के आम चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के माध्यम से धांधली हुई थी। उसने कहा कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है।
स्काइप के माध्यम से लंदन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए साइबर विशेषज्ञ सैयद सुजा ने कहा कि वह 2014 में भारत से भाग गया था।
सुजा ने कहा कि उसके टीम के सदस्यों की हत्या के बाद वह डरा हुआ था और देश में खतरा महसूस कर रहा था। सैयद सुजा का दावा है कि भारत की दिग्गज दूरसंचार कंपनी ने इस धांधली में मदद की थी।
भारतीय चुनाव आयोग ने इस पूरे मामले को कोरी अफवाह बताया है। चुनाव आयोग ने कहा कि ईवीएम हैकिंग के दावे का मामला हमारे संज्ञान में आया है। लंदन में आयोजित एक इवेंट के दौरान यह दावा किया गया है कि भारतीय चुनाव आयोग द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली ईवीएम मशीनों में छेड़छाड़ की गई थी।
चुनाव आयोग इस मामले में पार्टी नहीं बनना चाहता। ईवीएम हैकिंग का दावा एक प्रायोजित चुनौती है। चुनाव आयोग ने हैकिंग के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि आयोग अपने दावे पर कायम है कि भारत में इस्तेमाल की जाने वाली ईवीएम मशीन को हैक नहीं किया जा सकता।
आयोग ने लंदन में एक कार्यक्रम में वोटिंग मशीन को हैक करने की खबरों के बीच कहा कि आयोग इसके खिलाफ था और वह नहीं चाहता था कि विवाद में पड़े। हमारी मशीनें बीईएल और ईसीआईएल में सख्त सुरक्षा मानकों के बीच बनती हैं।
विशेष संचालन प्रक्रिया के तहत एक विशेष कमेटी इसकी देखरेख करती है यह प्रक्रिया 2010 से जारी हैं। गत वर्ष निर्वाचन आयोग ने वोटिंग मशीनों को हैक करने के लिए चुनौती दी थी लेकिन कई दिन इंतजार करने के बाद कोई राजनैतिक दल इसके लिए सामने नहीं आया। एक व्यक्ति ने इसकी कोशिश की थी लेकिन सफल नहीं हो पाया था।
0 comments:
Post a Comment