भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहाँ प्रदेश के किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के लिये प्रतिबद्ध है। श्री चौहान ने कहा कि १० अप्रैल से समर्थन मूल्य पर चना, मसूर और सरसों की खरीदी २५७ मंडियों में होगी।
इन फसलों के किसानों का भावांतर भुगतान योजना में हुआ पंजीयन न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिये लागू होगा। पंजीयन से छूट गये किसान ३१ मार्च तक पंजीयन करा सकते हैं। फसलों की खरीदी दस अप्रैल से ३१ मई तक की जायेगी। किसानों की फसल का एक-एक दाना खरीदा जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चना, मसूर और सरसों पर कृषि समृद्धि योजना में १०० रूपया प्रति क्विंटल अलग से दिया जायेगा। किसानों को सही मूल्य देने में कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी।
उन्होंने कहा कि खरीदी की व्यवस्था में बाधा डालने वाले तत्वों से सावधान रहें। इसमें सरकार का सहयोग करें। किसी भी प्रकार की समस्या या शिकायत होने पर कॉल सेंटर के नम्बर ०७५५ २५४०५०० पर शिकायत करें। शिकायत पर तत्काल कार्रवाई होगी।
श्री चौहान ने कहा कि किसानों के उत्पाद को निर्यात करने की जरूरत है। उन्होंने कृषि उत्पादन के रिकार्ड बनाने पर किसानों को बधाई देते हुए कहा कि कृषि उत्पाद का निर्यात करने के लिये एक एजेंसी बनाई जायेगी।
यह एजेंसी किसानों का मार्गदर्शन करेगी। यह एजेंसी भारत सरकार से तालमेल करके वे सभी जरूरी व्यवस्थाएँ करेगी, जिससे विदेशों में भी फसलों का निर्यात हो सके।
श्री चौहान ने बताया कि किसानों को उनकी मेहनत का पूरा लाभ देने के लिये मुख्यमंत्री कृषि समृद्धि योजना बनाई गई है। इसमें किसानों को अतिरिक्त लाभ दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि गेहूँ १७३५ रूपये प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर खरीदा जायेगा और सरकार २६५ रूपये प्रति क्विंटल अतिरिक्त देगी। समर्थन मूल्य के बाहर गेहूँ बेचने पर भी किसान को यह लाभ मिलेगा।
यदि अच्छी क्वालिटी का गेहूँ दो या ढाई हजार रूपये प्रति क्विंटल बिकता है तब भी उन्हें २६५ रूपये प्रति क्विंटल का अतिरिक्त लाभ मिलेगा। अच्छी गुणवत्ता का गेहूँ नहीं होने पर भी यह लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल बेचे गये धान और गेहूँ पर भी किसानों को २०० रूपया प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि मिलेगी। इस साल १६ अप्रैल को पिछले साल के गेहूँ और धान के लिये किसानों के खाते में २०० रूपये क्विंटल की दर से राशि समारोहपूर्वक जमा करा दी जायेगी।
प्रदेश के किसानों के लिये १६ अप्रैल आनंद का दिन होगा। इस दिन नया इतिहास बनेगा। उन्होंने कहा कि इस साल बेचे जाने वाली गेहूँ की फसल की प्रोत्साहन राशि २६५ रूपया प्रति क्विंटल की दर से १० जून को किसानों के खाते में आ जायेगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पहले किसानों को अपनी फसल के लिये ऊँट के मुँह में जीरा बराबर राहत मिलती थी। अब ५० प्रतिशत से ज्यादा नुकसान पर सिंचित जमीन पर राहत राशि को दोगुना करके ३० हजार रूपये प्रति हेक्टेयर की राहत मिल रही है।
फसल बीमा योजना का लाभ भी अलग से मिल रहा है। उन्होंने कहा कि दोनों को मिलाकर किसानों को जितना नुकसान होगा, उसकी भरपाई हो जायेगी।
श्री चौहान ने कहा कि किसानों को सिंचाई के लिये सात हजार रूपया फ्लैट रेट पर बिजली दी जा रही है जिसके लिये सरकार ३६ हजार रूपये प्रति वर्ष देती है। किसानों को समय से पहले खाद का उठाव करने पर ब्याज की राशि भी दी जा रही है।
शून्य प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण लौटाने की तारीख २८ मार्च से बढ़ाकर २७ अप्रैल कर दी गई है। उन्होंने कहा कि १६०० करोड़ रूपये सूखा राहत में और इतनी ही राशि फसल बीमा में देने का फैसला किया़ गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को लाभ देने के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था और भावांतर भुगतान योजना उपलब्ध है। इन दोनों योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि गेहूँ के साथ चना, सरसों और मसूर को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खदीदा जायेगा। भावांतर भुगतान योजना में ये फसलें नहीं रहेंगी। इस योजना में लहसुन और प्याज की खरीदी की जायेगी।
श्री चौहान ने कहा कि लहसुन का बंपर उत्पादन होने से भाव गिर गये हैं। लहसुन के लिये ३२०० रूपये प्रति क्विंटल दर निर्धारित की गई है। यदि प्याज का भाव ८०० रूपया प्रति क्विंटल से कम आता है, तो प्याज की खरीदी भी की जायेगी। पिछले साल भी प्याज खरीदी गई थी।
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