पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अलग होने का ऐलान करने के कुछ घंटों बाद शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कार्बन उत्सर्जन में कटौती करने और भविष्य की पीढ़ी को सुंदर और शुद्ध धरती सौंपने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई.
ट्रंप के कदम का समर्थन या विरोध करने की बहस में शामिल होने से इनकार करते हुए मोदी ने कहा कि वह भविष्य की पीढ़ी के साथ खड़े रहेंगे और उनका विचार है कि मानव जाति प्रकृति का दोहन नहीं कर सकता.
सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम के लिए जमा वैश्विक कारोबारियों को दिए अपने एक भाषण में उन्होंने वेदों का उद्धरण देते हुए कहा कि प्रकृति का दोहन एक अपराध है लेकिन मानव द्वारा प्रकृति से लाभ उठाना उसका अधिकार है.
ट्रंप के कदम का समर्थन या विरोध करने की बहस में शामिल होने से इनकार करते हुए मोदी ने कहा कि वह भविष्य की पीढ़ी के साथ खड़े रहेंगे और उनका विचार है कि मानव जाति प्रकृति का दोहन नहीं कर सकता.
सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम के लिए जमा वैश्विक कारोबारियों को दिए अपने एक भाषण में उन्होंने वेदों का उद्धरण देते हुए कहा कि प्रकृति का दोहन एक अपराध है लेकिन मानव द्वारा प्रकृति से लाभ उठाना उसका अधिकार है.
बाद में जब मंच संचालक ने पूछा कि वह जलवायु परिवर्तन पर बहस में किस ओर हैं और क्या वह ट्रंप के रुख से असहमति रखते हैं, इस पर मोदी कूटनीतिक रूप से तटस्थ बने रहें.
उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मौजूदगी में एकत्र लोगों से कहा, मैंने बड़े ही साधारण तरीके से नया भारत के सपने को बयां किया है.
मैंने यह कहने के लिए 5,000 साल पुराने वेद का हवाला दिया कि मानव को प्रकृति से लाभ प्राप्त करने का अधिकार है लेकिन इसका दोहन करने का अधिकार नहीं है.’
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