अमरकंटक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमामि देवी नर्मदे यात्रा के समापन पर कहा हमारे यहां एक मान्यता बनी हुई है, अगर हम कोई यात्रा नहीं कर सकते हैं तो किसी यात्री को प्रणाम कर लें।
इससे यात्रा का पुण्य प्राप्त होता है। मैं भी आप सभी को प्रणाम करके कुछ पुण्य मांग रहा हूं। यह पुण्य मेरे लिए नहीं भारत की सेवा के काम आएगा। नदी का संरक्षण पुण्य का काम हैं। इससे पहले उन्होंने नर्मदा प्रवाह पुस्तक का विमोचन कर नर्मदा सेवा मिशन की शुरुअात की।
पीएम ने कहा- नर्मदा ने हजारों साल से हमें जीवन दिया है। नर्मदा परिक्रमा करने से अहंकार खत्म हो जाता है। हमने मां नर्मदा की नहीं अपनी परवाह की। देश में कई नदियां इतिहास के गर्त में खो चुकी है।
मां नर्मदा पौधों के पानी से बनती है और इसके संरक्षण के लिए पौधे लगाने का अभियान सबसे अहम है। पीएम ने कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा और नर्मदा तट पर बसे सभी लोगों को 150 दिन की गई इस तपस्या को लेकर बधाई देता हूं। इतना बड़ा प्रयास अगर किसी दूसरे देश हुआ होता तो इसका बहुत प्रचार होता, लेकिन हमारे देश में ऐसा नहीं है।
नदी बचाने और पर्यावरण की रक्षा के लिए इतना बड़ा काम हुआ है। 25 लाख लोगों ने नदी के संरक्षण का संकल्प लिया है। यह मानवता की रक्षा के लिए अहम कदम उठाया गया है। मैं इसके लिए सीएम शिवराज और उनकी पूरी टीम और प्रदेश की जनता को बधाई देता हूं।
पीएम ने कहा क्योंकि मैं गुजरात में रहा हूं इसलिए नर्मदा के एक-एक बूंद पानी का महत्व क्या होता है, यह जानता हूं। इसलिए में गुजरात के एक व्यक्ति की ओर से आपको धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा देश के 100 साफ शहरों में एमपी के 22 शहर शामिल हैं।
हमारे यहां शास्त्रों में कहा जाता है कि जो एक साल का सोचता है वह फसल लगाता है और जो आगे का सोचता है वह फलदार वृक्ष लगाता है। मैं देश के अन्य राज्यों से आग्रह करूंगा कि नर्मदा प्रवाह पुस्तक अन्य राज्यों को भेजे। जिससे दूसरे भी नदी संरक्षण की यह नई पहल सीख सकें। आज अगर मध्यप्रदेश में कृषि विकास बढ़ा है तो उसमें सबसे बड़ा योगदान माता नर्मदा का है।
आजादी के 75 साल हो रहे हैं, क्यों हिंदुस्तान के सवा सौ करोड़ देशवासी महापुरुषों की याद नहीं कर सकते। क्या हम उनके सपनों को ध्यान में रखते हुए 2022 तक के लिए संकल्प नहीं ले सकते कि हम देश के लिए क्या करेंगे। 2022 नया भारत बनाने का सपना लेकर चलना है।
आप भी मिल बैठकर तय करिए कि आपका परिवार और आप देश के लिए क्या करेंगे। अगर हम एक-एक कदम आगे चलेंगे तो देश सवा सौ करोड़ कदम आगे बढ़ जाएगा।
मैं अवधेशानंदजी का आभारी हूं, जो भाव उन्होंने मेरे लिए प्रकट किया उसके लिए मैं उन्हें प्रणाम करता हूं। जैसा शिवराज जी ने कहा यात्रा का यह विराम है। यात्रा में जो भी देखा जो भी किया इसके लिए अब यज्ञ शुरू हो रहा है। मुझे विश्वास है कि यह नर्मदा के उज्जवल भविष्य का यज्ञ आप सभी प्रगति प्रदान करेगा।
सीएम ने कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान अनेक अभियान शुरू हो गए। करीब 2 लाख से ज्यादा लोगों ने नशा छोड़ने का संकल्प लिया। इसी के साथ नर्मदा तट के करीब शराब बंदी का अभियान।
बेटी बचाओं अभियान भी आगे बढ़ा। इसी में आगे बढ़ते हुए 2 जुलाई को नर्मदा नदी के कैचमेंट एरिया में 6 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। इन वृक्षों की सुरक्षा के लिए वृक्ष सेवक बनाए जाएंगे।
प्रदेश में यूकेलिप्टस के पेड़ हटाकर साल, बरगद, महुंआ और अन्य पेड़ लगाए जाएंगे। यूकेलिप्टस के पेड़ पानी को भाप बनाकर उड़ा देते हैं।
उज्जवला योजना से पेड़ और लकड़ी बचेगी। प्रदेश में 18 शहर नर्मदा के किनारे है, यहां 18 ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे। जबलपुर के प्लांट के लिए टेंडर हो गया है।
नर्मदा में मल-जल नहीं जाएगा। नर्मदा के आस-पास के गांव तेजी से ओडीएफ घोषित किए जाएंगे। कोई नर्मदा तट पर खुले में शौच करने नहीं जाएगा। इसके साथ ही जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान में मध्यप्रदेश के दो इंदौर और भोपाल टॉप पर रहे। हम ऐसे ही कदम आगे बढ़ाते हुए सभी शहर स्वच्छ बनाएंगे।
नमामी देवी नर्मदे अभियान के समापन में अवधेशानंदजी ने कहा कि धीरे-धीरे पूरी दुनिया में पीने लायक पानी कम होता जा रहा है। ऐसे समय में देश के प्रधानमंत्री ने नदियों और जल बचाव के लिए अभियान चलाया है।
इसी श्रृंखला में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में नर्मदा सेवा यात्रा भी शुरू हुई। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार भगवान ने कई अवतार लिए उसी प्रकार मुझे ऐसा लगता है कि भारत की धरती पर विकास का अवतार हुआ है।
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