नई दिल्ली : रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने भारत-फ्रांस के बीच 36 राफेल विमानों के लिए करीब 59,000 करोड़ की डील पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. इस सौदे के लिए फ्रांस के रक्षा मंत्री 22 सितंबर को ही दिल्ली आ गए थे.
यह दो इंजन वाला लड़ाकू विमान है, जो भारतीय वायुसेना की पहली पसंद है. यह हर तरह के मिशन पर जा सकता है
. राफेल हवा से हवा और हवा से जमीन में मार करने में सक्षम है. इसकी अधिकतम स्पीड 2,130 किमी/घंटा है.चीन के पास भी इसकी टक्कर का कोई विमान नहीं है. यह परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है.
राफेल सौदे पर हस्ताक्षर होने के 36 महीने के भीतर यानी 2019 में विमान आना शुरू जाएंगे. सभी 36 विमान 66 महीने के भीतर भारत आ जाएंगे.
तभी से लेकर राफेल पर लगातार बातचीत चलती रही और अब जाकर सौदे पर हस्ताक्षर हुए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगभग डेढ़ साल पहले अपनी फ्रांस यात्रा के दौरान 36 राफेल विमान खरीदने की घोषणा की थी.
इस दौरान दोनों देशों ने गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील के लिए समझौता भी किया था. राफेल लड़ाकू विमानों को फ्रांस की डसाल्ट एविएशन कंपनी बनाती है. 36 विमान सीधे फ्रांस से आएंगे.
जब पिछले साल फ्रांस के डसाल्ट से राफेल के कीमत को लेकर बातचीत शुरू की गई तब उसने 36 राफेल की कीमत 12 बिलियन यूरो बताई थी.
इसके बाद जनवरी में दोबारा बात हुई तो क़ीमत 8.6 बिलियन यूरो पर आकर टिकी. अप्रैल में अंतिम दौर की बातचीत हुई तो विमानों की क़ीमत पर 7.87 बिलियन यूरो पर मुहर लग गई.
यह सौदा 7.87 बिलियन यूरो में होने जा रहा है. यानी अगर भारतीय रुपये में बात करें तो करीब 59 हजार करोड़ में आएगा. एक राफेल की कीमत हथियार के सहित करीब 1600 करोड़ रुपये की पड़ेगी.
यह दो इंजन वाला लड़ाकू विमान है, जो भारतीय वायुसेना की पहली पसंद है. यह हर तरह के मिशन पर जा सकता है
. राफेल हवा से हवा और हवा से जमीन में मार करने में सक्षम है. इसकी अधिकतम स्पीड 2,130 किमी/घंटा है.चीन के पास भी इसकी टक्कर का कोई विमान नहीं है. यह परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है.
राफेल सौदे पर हस्ताक्षर होने के 36 महीने के भीतर यानी 2019 में विमान आना शुरू जाएंगे. सभी 36 विमान 66 महीने के भीतर भारत आ जाएंगे.
तभी से लेकर राफेल पर लगातार बातचीत चलती रही और अब जाकर सौदे पर हस्ताक्षर हुए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगभग डेढ़ साल पहले अपनी फ्रांस यात्रा के दौरान 36 राफेल विमान खरीदने की घोषणा की थी.
इस दौरान दोनों देशों ने गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील के लिए समझौता भी किया था. राफेल लड़ाकू विमानों को फ्रांस की डसाल्ट एविएशन कंपनी बनाती है. 36 विमान सीधे फ्रांस से आएंगे.
इसके बाद जनवरी में दोबारा बात हुई तो क़ीमत 8.6 बिलियन यूरो पर आकर टिकी. अप्रैल में अंतिम दौर की बातचीत हुई तो विमानों की क़ीमत पर 7.87 बिलियन यूरो पर मुहर लग गई.
यह सौदा 7.87 बिलियन यूरो में होने जा रहा है. यानी अगर भारतीय रुपये में बात करें तो करीब 59 हजार करोड़ में आएगा. एक राफेल की कीमत हथियार के सहित करीब 1600 करोड़ रुपये की पड़ेगी.
0 comments:
Post a Comment