इस्लामाबाद: पाकिस्तानी और अमेरिकी अधिकारियों ने द्विपक्षीय संबंध पर स्पष्ट बातचीत की जिसमें बलूचिस्तान में हाल ही में एक अमेरिकी ड्रोन हमले में अफगान तालिबान प्रमुख मुल्ला मंसूर के मारे जाने और वित्तपोषण विवाद के चलते एफ-16 लड़ाकू जेट विमान सौदा पर अमेरिका के टालमटोल से तनाव आ गया है।
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में अफगानिस्तान और पाकिस्तान विषयक वरिष्ठ निदेशक पीटर लैवॉय और अफगानिस्तान तथा पाकिस्तान के विशेष प्रतिनिधि रिचर्ड ओल्सन वाला यह प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान के असैन्य एवं सैन्य नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए पहुंचा।
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में अफगानिस्तान और पाकिस्तान विषयक वरिष्ठ निदेशक पीटर लैवॉय और अफगानिस्तान तथा पाकिस्तान के विशेष प्रतिनिधि रिचर्ड ओल्सन वाला यह प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान के असैन्य एवं सैन्य नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए पहुंचा।
लैवॉय ने प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज और विदेश सचिव एजाज अहमद चौधरी से भेंट की।
बलूचिस्तान में 21 मई के ड्रोन हमले के आलोक में ‘उन्होंने द्विपक्षीय संबंध, क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति और अफगान शांतिप्रक्रिया पर स्पष्ट बातचीत की।’ इक्कीस मई के ड्रोन हमले में अफगान तालिबान प्रमुख मुल्ला अख्तर मंसूर मारागया था।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि सलाहकार ने अमेरिका को इस बात का कड़ा संदेश दिया कि ड्रोन हमला न केवल पाकिस्तान की संप्रभुता और संयुक्त राष्ट्र घोषणा पत्र के सिद्धांतों का उल्लंघन है बल्कि इससेद्विपक्षीय संबंधों को भी नुकसान पहुंचा है।
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय का बयान कहता है, ‘इस बात पर बल दिया गया कि पाकिस्तान में कोई भी भावी ड्रोन हमला संबंधों को मजबूत बनाने की साझी इच्छा के लिए हानिकारक होगा
इस अमेरिकी ड्रोन हमले में मंसूर के साथ मारे गए पाकिस्तानी ड्राइवर के परिवार ने भी इंसाफ की मांग की है।
अजीज ने कहा कि इस ड्रोन हमले से अफगान शांति प्रक्रिया और सुलह प्रक्रिया के वर्तमान प्रयास को ऐसे समय में गंभीर धक्का पहुंचा है जब पाकिस्तान चतुर्पक्षीय समन्वय समूह (क्यूसीजी) देशों के साथ मिलकर अफगान सरकार और तालिबान के बीच शांति वार्ता बहाल करने की गंभीर कोशिश में जुटा है।
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