उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की पत्नी एवं अलनूर चैरिटेबल सोसाइटी की चेयरमैन सलमा अंसारी ने योग एवं ओम के विरोध को गलत बताया और कहा कि ओम के उच्चारण से ऑक्सीजन मिलती है, जो स्वस्थ रहने के लिए बेहद जरूरी है।
सलमा अंसारी रविवार को एएमयू राइडिंग ग्राउंड के समीप स्थित अलनूर चैरिटेबल सोसाइटी द्वारा संचालित स्कूलों के बच्चों को सम्मानित करने आईं थीं। इस मौके पर उन्होंने कराटे में प्रदेश स्तर पर स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक जीतने वाली ट्रस्ट की बच्चियों मोहसिना, अरिशा, अनम, कविता, मेहरूनिशां एवं मुजतरा आदि को सम्मानित किया।
सम्मानित बच्चियां बेहद गरीब परिवार की हैं और अलनूर चैरिटेबल सोसाइटी द्वारा संचालित किला स्कूल एवं चाचा नेहरू स्कूल में पढ़ती हैं।उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि नमाज भी योग ही है। वह स्वयं वर्षों से योग करती हैं और इसी वजह से फिट हैं।
उन्होंने कहा कि हड्डी टूटने पर उन्होंने योग के माध्यम से ही उपचार कराया। छात्राओं को भी वह योग सिखाने की व्यवस्था करती हैं। इस क्रम में उन्होंने एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज के एंबुलेंस की असुविधाजनक स्थिति का भी उल्लेख किया और कहा कि दो महीने पहले अलीगढ़ में अचानक उनकी तबियत खराब हो गई थी। उस समय उन्हें एएमयू प्रशासन द्वारा एंबुलेंस से दिल्ली भेजा गया था।
उन्होंने कहा कि सौभाग्य अच्छा था कि एंबुलेंस से यात्रा के दौरान उनकी हड्डी नहीं टूटी। यह सब नियमित योग करने के कारण हुआ। वीवीआई एंबुलेंस का जब यह हाल है तो आम आदमी के एंबुलेंस की क्या स्थिति होगी।
सलमा अंसारी रविवार को एएमयू राइडिंग ग्राउंड के समीप स्थित अलनूर चैरिटेबल सोसाइटी द्वारा संचालित स्कूलों के बच्चों को सम्मानित करने आईं थीं। इस मौके पर उन्होंने कराटे में प्रदेश स्तर पर स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक जीतने वाली ट्रस्ट की बच्चियों मोहसिना, अरिशा, अनम, कविता, मेहरूनिशां एवं मुजतरा आदि को सम्मानित किया।
सम्मानित बच्चियां बेहद गरीब परिवार की हैं और अलनूर चैरिटेबल सोसाइटी द्वारा संचालित किला स्कूल एवं चाचा नेहरू स्कूल में पढ़ती हैं।उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि नमाज भी योग ही है। वह स्वयं वर्षों से योग करती हैं और इसी वजह से फिट हैं।
उन्होंने कहा कि हड्डी टूटने पर उन्होंने योग के माध्यम से ही उपचार कराया। छात्राओं को भी वह योग सिखाने की व्यवस्था करती हैं। इस क्रम में उन्होंने एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज के एंबुलेंस की असुविधाजनक स्थिति का भी उल्लेख किया और कहा कि दो महीने पहले अलीगढ़ में अचानक उनकी तबियत खराब हो गई थी। उस समय उन्हें एएमयू प्रशासन द्वारा एंबुलेंस से दिल्ली भेजा गया था।
उन्होंने कहा कि सौभाग्य अच्छा था कि एंबुलेंस से यात्रा के दौरान उनकी हड्डी नहीं टूटी। यह सब नियमित योग करने के कारण हुआ। वीवीआई एंबुलेंस का जब यह हाल है तो आम आदमी के एंबुलेंस की क्या स्थिति होगी।
उन्होंने कहा कि एंबुलेंस ऐसी होनी चाहिए कि उसमें मरीज आराम महसूस करे। उन्होंने योगा की वकालत करते हुए कहा कि पढ़े-लिखे हैं तो वह काम करना चाहिए, जिससे फायदा मिले। योगा स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद फायदेमंद है।
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