नौ दिनों से चल रहे गतिरोध के बाद जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन के प्रयासों का पहला संकेत उस समय मिला जब पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाने का ऐलान किया। इस बीच विपक्षी नेशनल कांफ्रेंस ने कहा कि वह भाजपा के साथ गठबंधन पर विचार करने को तैयार है।
पूर्व मुख्यमंत्री और अपने पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद के सात जनवरी को हुए निधन के बाद महबूबा ने पीडीपी के विस्तारित कोर समूह की बैठक बुलाई है जिसमें सरकार बनाने पर पार्टी के अंदर मंथन होगा। पीडीपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, पीडीपी अध्यक्ष ने पार्टी के विस्तारित कोर समूह की बैठक अपने घर पर बुलाई है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को बैठक में आमंत्रित किया गया है उनमें पार्टी के सांसद, पूर्व मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हैं।
राज्य में नौ जनवरी से राष्ट्रपति शासन लागू है क्योंकि न तो पीडीपी न ही भाजपा ने सरकार गठन का दावा किया है। बैठक इस परिप्रेक्ष्य में बुलाई गई है कि महबूबा भाजपा के साथ कई मुद्दों पर नाराज हैं। विधानसभा चुनावों में स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के बाद मुफ्ती ने भाजपा से गठबंधन कर दस महीने तक सरकार चलाई। मुद्दों में सात जनवरी को दिल्ली में निधन के बाद सईद को उपयुक्त सम्मान नहीं दिए जाने से लेकर केंद्र की तरफ से राज्य को बहुत कम धन मुहैया कराया जाना शामिल है। 87 सदस्यीय विधानसभा में पीडीपी के 27 विधायक हैं जबकि भाजपा के 25 विधायक हैं।
पीडीपी-भाजपा गठबंधन के बने रहने पर छाई अनिश्चितता के बीच नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी भाजपा के साथ सरकार बनाने के लिए गठबंधन पर विचार करने को तैयार है। उन्होंने संवाददाताओं से जम्मू में कहा, अगर इस तरह का प्रस्ताव आता है तो नेशनल कांफ्रेंस कार्यकारी समिति की बैठक बुलाएगी और इस पर चर्चा करेगी। अगर इस तरह की स्थिति बनती है तो नेशनल कांफ्रेंस इस पर विचार कर सकता है क्योंकि इसने अपने दरवाजे बंद नहीं किए हैं। हमारे दरवाजे खुले हुए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री और अपने पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद के सात जनवरी को हुए निधन के बाद महबूबा ने पीडीपी के विस्तारित कोर समूह की बैठक बुलाई है जिसमें सरकार बनाने पर पार्टी के अंदर मंथन होगा। पीडीपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, पीडीपी अध्यक्ष ने पार्टी के विस्तारित कोर समूह की बैठक अपने घर पर बुलाई है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को बैठक में आमंत्रित किया गया है उनमें पार्टी के सांसद, पूर्व मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हैं।
राज्य में नौ जनवरी से राष्ट्रपति शासन लागू है क्योंकि न तो पीडीपी न ही भाजपा ने सरकार गठन का दावा किया है। बैठक इस परिप्रेक्ष्य में बुलाई गई है कि महबूबा भाजपा के साथ कई मुद्दों पर नाराज हैं। विधानसभा चुनावों में स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के बाद मुफ्ती ने भाजपा से गठबंधन कर दस महीने तक सरकार चलाई। मुद्दों में सात जनवरी को दिल्ली में निधन के बाद सईद को उपयुक्त सम्मान नहीं दिए जाने से लेकर केंद्र की तरफ से राज्य को बहुत कम धन मुहैया कराया जाना शामिल है। 87 सदस्यीय विधानसभा में पीडीपी के 27 विधायक हैं जबकि भाजपा के 25 विधायक हैं।
पीडीपी-भाजपा गठबंधन के बने रहने पर छाई अनिश्चितता के बीच नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी भाजपा के साथ सरकार बनाने के लिए गठबंधन पर विचार करने को तैयार है। उन्होंने संवाददाताओं से जम्मू में कहा, अगर इस तरह का प्रस्ताव आता है तो नेशनल कांफ्रेंस कार्यकारी समिति की बैठक बुलाएगी और इस पर चर्चा करेगी। अगर इस तरह की स्थिति बनती है तो नेशनल कांफ्रेंस इस पर विचार कर सकता है क्योंकि इसने अपने दरवाजे बंद नहीं किए हैं। हमारे दरवाजे खुले हुए हैं।
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