नई दिल्ली। पिछले साल एम्स के चीफ विजिलेंस ऑफिसर (सीवीओ) के पद से हटाए गए आईएएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी जल्द ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) बनाए जा सकते हैं। इसके साथ ही भारतीय वन सेवा के अधिकारी संजीव चतुर्वेदी के मुद्दे पर केंद्रीय प्रशासनिक प्राधिकरण (कैट) ने एक बार फिर नरेंद्र मोदी सरकार को झटका दिया है।
कैट ने कहा है कि केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि उसने आठ महीने से फाइल क्यों रोकी? साथ ही आदेश दिया है कि संजीव चतुर्वेंदी को 5 जनवरी तक डिपुटेशन दिया जाए। केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने केंद्र सरकार को उनकी नियुक्ति के लिए पांच जनवरी तक का समय दिया है। दिल्ली सरकार में चतुर्वेदी की नियुक्ति की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कार्मिक एवं प्रशिक्षण (डीओपीटी) और प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति के विभाग को निर्देश जारी किया गया है।
एम्स के पूर्व सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) संजीव चतुर्वेदी ने अक्टूबर 2012 में मांग की थी कि उनका कैडर हरियाणा से बदलकर उत्तराखंड किया जाए।एम्स द्वारा प्रदर्शन मूल्यांक रिपोर्ट रद्द कर दी गई था, जिसके बाद दोबारा आदेश लिखने के विरूद्ध सेल्फ अप्रेजल के साथ शीर्ष अधिकारियों द्वारा मोहर लगा दी गई। यही नहीं पूरे मामले को लेकर कहा गया है कि इससे बेहतर ग्रेड में शामिल होने में मदद मिलती है।
आपको बता दें कि केजरीवाल ने 16 फरवरी को पर्यावरण एवं वन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को खत लिखकर चतुर्वेदी को उनका ओएसडी बनाने की बात कही थी। रमन मैग्सेसे अवॉर्ड विजेता चतुर्वेदी फिलहाल एम्स में उप सचिव के पद पर कार्यरत हैं।केजरीवाल ने बीते साल केंद्र से अपील की थी कि चतुर्वेदी को एम्स का चीफ विजिलेंस ऑफिसर (सीवीओ) बनाया जाए, लेकिन तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने उन्हें इस पद के योग्य नहीं बताया था।
हरियाणा में सेवा में रहते हुए संजीव के 12 तबादले किए गए थे। अब तक के कार्यकाल में उन्होंने करीब 225 घोटाले उजागर किए। इस दौरान, संजीव पर भी कई संगीन आरोप लगे थे। संजीव की पत्नी ने भी उन पर दहेज प्रताड़ना के मामले में शिकायत की थी। इसके बाद उनका तलाक हो गया था।
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