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शीतकालीन सत्र: कांग्रेस विधायकों ने अनुपूरक बजट को भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला बताया

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में  गुरुवार को कांग्रेस विधायकों ने इस अनुपूरक बजट को भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला बताया। कांग्रेसियों का कहना था कि बजट की आड़ में सरकार प्रलोभन देकर जनता को ठग रही है। 

गौरतलब है कि बुधवार को वित्त वर्ष 2015-16 के लिए तृतीय अनुपूरक बजट पेश किया गया था। बजट में 5889 करोड़ रुपए से अधिक का प्रावधान किया गया है। इस पर चर्चा के लिए उपाध्यक्ष राजेंद्र कुमार सिंह ने गुरुवार को दो घंटे का समय निर्धारित किया था। इस बीच बार-बार कांग्रेस विधायकों के हंगामे के चलते 2.30 बजे तक के लिए विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी।
प्रश्नकाल के दौरान बहुजन समाज पार्टी की एक विधायक के एक सवाल पर कांग्रेस ने भी बसपा विधायक का पूरा साथ दिया। अपना जवाब न मिलने से असंतुष्ट बसपा विधायक शीला त्यागी सदन से बर्हिगमन कर गईं, हालांकि कुछ ही समय बाद वे वापस आ गईं। प्रश्नकाल के दौरान शीला त्यागी ने अपने क्षेत्र की एक प्राचार्य और अतिरक्त संचालक, उच्च शिक्षा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता से उन्हें हटाए जाने की मांग की। इस पर गुप्ता ने जवाब में कहा कि लगभग सभी शिकायतें एक ही व्यक्ति द्वारा की गईं हैं, उसमें कुछ भी नहीं है, किसी भी भ्रष्ट को संरक्षण नहीं दिया जाएगा। लेकिन, अकारण किसी पर आरोप नहीं लगाया जा सकता।

मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विधायक ने आरोप लगाया कि प्राचार्य अग्रिम जमानत पर रिहा हैं, लेकिन उन्हें क्यों नहीं हटाया जा रहा है। उन्होंने गुप्ता पर टिप्पणी करते हुए पूछा कि प्राचार्य पर विशेष कृपा क्यों है। विधायक के इतना कहते ही कांग्रेस के विधायक भी उनका साथ देने लगे। विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीतासरन शर्मा ने दोनों दलों के विधायकों से शांति की अपील की, लेकिन शोर जारी रहा। इसी बीच शीला त्यागी सदन से बर्हिगमन कर गईं।
इस अनुपूरक बजट में पंचायती राज संस्थाओं को वित्तीय सहायता देने के लिए सबसे ज्यादा 1843 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। अनुपूरक बजट में अगले वर्ष उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ को ध्यान में रखते हुए उसके खर्चों के लिए 800 करोड़ रुपए रखे गए हैं। विकास कार्यों के ऋण की ब्याज अदायगी के लिए बजट में 345 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

अनुपूरक बजट में सिंहस्थ, बिजली, सड़क, सिंचाई, कृषि सहित अन्य कामों के लिए राशि के प्रावधान किए गए। ज्ञात हो कि सूखा राहत के लिए राशि जुटाने सरकार ने एक दिन का विधानसभा सत्र बुलाया था। इसमें 3 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान सूखा राहत के लिए विभिन्‍न विभागों की योजनाओं की राशि काटकर किया गया था।
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