नई दिल्ली. भारत के डिफेंस मिनिस्ट्री ने रूस से पांच एस-400 'ट्रायम्फ' सुपरसोनिक एयर डिफेंस की खरीद को हरी झंडी दे दी है। मिनिस्ट्री सोर्सेस के हवाले से यह खबर है। यह डील लगभग 40,000 करोड़ रुपए की है। रिपोर्ट के मुताबिक, इसका औपचारिक एलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी 23-24 दिसम्बर को होने वाली रूस यात्रा के दौरान की जा सकती है।
इससे पहले रूसी न्यूज एजेंसी तास (ITAR-TASS) को दिए इंटरव्यू में डिफेंस मिनिस्टर मनोहर पर्रिकर ने उम्मीद जताई थी कि दोनों पक्ष पीएम मोदी की मॉस्को विजिट से पहले एस-400 की खरीद से जुड़ी डील तैयार कर लेंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसमें 6,000 मिसाइल्स की खरीद भी शामिल है। माना जा रहा है कि एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम- S-400 खरीदने के बाद भारत, चीन या पाकिस्तान की ओर से किसी मिसाइल अटैक की स्थिति में मुंहतोड़ जवाब दे सकेगा। भारत ऐसे 10-12 सिस्टम खरीदेगा।
ये मिसाइल सिस्टम 400 किलोमीटर की रेंज में आने वाले दुश्मन एयरक्राफ्ट, फाइटर जेट, स्टील्थ प्लेन, मिसाइल और ड्रोन तक मार गिराने की क्षमता रखता है। जाहिर है, भारत के बेहद नजदीक चीन या पाकिस्तान से किसी हमले के हालात में यह बेहद कारगर साबित होगा। रूस की एस-400 डिफेंस सिस्टम में अलग-अलग क्षमता की तीन तरह की मिसाइलें मौजूद हैं। यह न्यू जेनरेशन का एंटी एयरक्राफ्ट-एंटी मिसाइल सिस्टम है। ये सुपरसोनिक और हाइपरसोनिक मिसाइलें 120-400 किलोमीटर की रेंज में किसी भी टारगेट को आसानी से मार गिरा सकती हैं।
रूसी एक्सपर्ट्स का दावा है कि एस-400 मिसाइल सिस्टम जमीन से हवा में मार कर सकता है। यह रडार पर पकड़ न आने वाले स्टील्थ मोड के फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट (अमेरिकन एफ-35 फाइटर जेट) को भी मार गिरा सकता है।
चीन ने भी यही मिसाइल सिस्टम खरीदने के लिए रूस के साथ एक साल पहले 3 अरब डॉलर की डील की थी।
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