नई दिल्ली। भारत, जापान और अमेरिका की नौसेनाएं हिंदुस्तान के पूर्वी छोर पर त्रिपक्षीय नौसेना अभ्यास कर रही हैं। 2015 मालाबार के तहत हो रहे इस अभ्यास में तीनों देशों के नौसैनिक आपसी तालमेल बिठाने और इस इलाके की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं।
पहली बार इन तीन देशों की नेवी ने एक साफ हाथ मिलाया है और रणनीतिक तौर पर बेहद अहम इस नौसैनिक अभ्यास में शिरकत कर रही है।
अमेरिकी नौसेना के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप 12 के कमांडर रियर एडमिरल राय जे केली ने कहा कि यह ‘‘चीन का मुद्दा है.’’ उनसे जापान की सहभागिता पर चीन की आपत्ति के बारे में सवाल किया गया था। उन्होंने हालांकि कहा कि यह अभ्यास किसी के खिलाफ लक्षित नहीं है।
जे केली का कहना है कि चुनिंदा पत्रकारों के एक समूह से कहा कि इस अभ्यास में हम ऐसा कुछ नहीं कर रहे हैं जो परोक्ष रूप भी से चीन को लक्षित है। उन्होंने कहा कि हम अपने संबंधों में सुधार लाने का प्रयास कर रहे हैं। इसके साथ ही हम सैन्य बल के रूप में एक साथ काम करने की अपनी क्षमताओं में सुधार का प्रयास कर रहे हैं।
चीनी सरकारी मीडिया ने अभ्यास के 19वें संस्करण में जापान के शामिल होने की आलोचना की है। जापान चौथी बार नौसेना अभ्यास में शामिल हो रहा है। सरकारी ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित एक आलेख में, जापान को अभ्यास में शामिल करने पर भारत पर निशाना साधा गया है।
इसमें कहा गया है कि भारत जापान रक्षा सहयाग ‘‘एशिया के लिए खतरनाक’’ है। केली ने कहा कि यह अभ्यास एक दूसरे से सीखने तथा यह सुनिश्चित करने का प्रयास है कि समुद्री व्यापार निर्बाध हो सके।
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