नारकोटिक्स विभाग ने वर्ष 2015—16 के लिए नई अफीम घोषित कर दी है. जिन काश्तकारों की अफीम कारखाने द्वारा घटिया या मिलावट घोषित की गई, उन्हें पट्टे नहीं मिलेंगे.
नयी अफीम नीति के मुताबिक, मध्यप्रदेश और राजस्थान में वर्ष 2016—17 में 58 किलोग्राम अफीम प्रति हेक्टेयर औसत उपज विभाग को देना होगी. एमपी और राजस्थान में 56 की औसत से पट्टे मिलेंगे.
काश्तकार अधिकतम दो प्लॉटो में अफीम की खेती कर सकता है. इसके अलावा नयी अफीम नीति के मुख्य बिंदू इस प्रकार हैं-
-56 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से जिनकी औसत कम आई थी, उन्हें पट्टे नहीं मिलेंगे.
-लगातार दो वर्षो से जिन्होंने खेती नहीं की है, उन्हें लाइसेंस नहीं दिए जाएंगे.
-56 से 58 किलो प्रति हेक्टेयर औसत जिन काश्तकारों ने दी थी, उन्हें 10 आरी के पट्टे मिलेंगे.
-58 से 60 किलो प्रति हेक्टेयर औसत देने वाले किसानों को 15 आरी के पट्टे दिए जाएंगे.
-60 से 65 किलो प्रति हेक्टेयर औसत देने वाले किसानों को 20 आरी के पट्टे दिए जाएंगे.
-65 से अधिक प्रति हेक्टेयर औसत देने वाले किसानों को 25 आरी के पट्टे मिलेंगे.
-जीरो डिग्री गाढ़ता पर लाइसेंस प्रदान किए जाएंगे.
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